जन्माष्टमी पर शुभ मुहूर्त में करें पूजा

धर्म-अध्यात्म मंदिरों में जाने व सामूहिक कार्यक्रमों से दूरी जरूरी ब्लर्ब- बेहतर होगा कि घरों में ही करें पूजा-पाठ सामूहिक आयोजन के दौरान शारीरिक दूरी रख करें मास्क का प्रयोग

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 12:53 AM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 12:53 AM (IST)
जन्माष्टमी पर शुभ मुहूर्त में करें पूजा
जन्माष्टमी पर शुभ मुहूर्त में करें पूजा

संवाद सहयोगी, हाथरस : यूं तो जन्माष्टमी का त्योहार भाद्रपद माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी को ही मनाया जाता है, मगर इस बार तिथियों की घट-बढ़ के कारण मतभेद के चलते धर्माचार्याें में दो राय बनी हुई है। इसलिए यह पर्व 11 व 12 अगस्त को दोनों दिन मनाया जाएगा।

भाद्रपद मास के षष्ठी को बलराम और अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इस माह में भगवान विष्णु की खास पूजा करनी चाहिए। ज्योतिषाचार्य के अनुसार जन्माष्टमी पर इस बार कृतिका नक्षत्र के बाद 13 अगस्त तक रोहिणी नक्षत्र रहेगा। श्रीकृष्ण की पूजा का शुभ समय रात 12.05 बजे से लेकर 12.47 बजे तक है। अष्टमी तिथि मंगलवार की सुबह 9.06 बजे से 12 अगस्त की सुबह 11.16 बजे तक रहेगी। श्रेष्ठ है 12 अगस्त की जन्माष्टमी

हर बार की तरह इस बार भी जन्माष्टमी दो दिन की मनाई जा रही है। जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण को दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक व पंचामृत अर्पित कर माखन मिश्री का भोग लगाना चाहिए। सूर्योदय के समय अष्टमी तिथि 12 अगस्त को होने से इस दिन जन्माष्टमी मनाना श्रेष्ठ है। मथुरा और द्वारिका में इसी दिन जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

शुभ मुहूर्त में पूजा से दोगुना फल

जन्माष्टमी पर एक विशेष योग बन रहा है। पंडितों के अनुसार, उसी दिन कृतिका नक्षत्र लगेगा। यही नहीं, चंद्रमा मेष राशि और सूर्य कर्क राशि में रहेंगे। कृतिका नक्षत्र और राशियों की इस स्थिति से वृद्धि योग बन रहा है। बुधवार की रात के बताए गए मुहूर्त में पूजा करने से दोगुना फल मिलेगा। कोरोना के चलते सामूहिक कार्यक्रमों से बचना होगा। इनका कहना है

शुभ मुहूर्त पर घरों में भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना करने से मंदिरों में पूजा करने की तरह ही लाभ मिलेगा।

-पं. उपेंद्रनाथ चतुर्वेदी ज्योतिषाचार्य श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बुधवार को ही मनाना श्रेष्ठ है। पर्व को मनाते समय लॉकडाउन के नियमों का पालन जरूरी है।

- सीपुजी महाराज, ज्योतिषाचार्य

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