कुछ तो करो मलाल, गर्मी से प्रवासी हो रहे बेहाल

जगरण संवाददाता हाथरस आसमान से आग उगलती गर्मी और पारा 44 से भी पार। नंगे पैर मजदूर और गर्मी से बेहाल रोते बिलखते बच्चे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 May 2020 01:14 AM (IST) Updated:Fri, 29 May 2020 07:33 AM (IST)
कुछ तो करो मलाल, गर्मी से प्रवासी हो रहे बेहाल
कुछ तो करो मलाल, गर्मी से प्रवासी हो रहे बेहाल

जगरण संवाददाता, हाथरस : आसमान से आग उगलती गर्मी और पारा 44 से भी पार। नंगे पैर मजदूर और गर्मी से बेहाल रोते बिलखते बच्चे। न छांव का इंतजाम और न पीने को ठंडा पानी। उधर, तंबू के नीचे कुर्सी पर विराजमान अफसर और उनका स्टाफ। टेबल पर रखी पानी की ठंडी बोतल और गर्मी से निजात पाने को बड़े कूलर का सहारा। कुछ तरह का नजारा था स्टेडियम का। ऐसे में कुछ तो मजदूरों की जुबां से बरबस की निकला। हुजूर कुछ तो करो मलाल, गर्मी से बच्चे हैं बेहाल। बेहाली का आलम इस कदर था कि गर्मी से बेहाल बच्चों को कोई सिर पर पानी डालकर गर्मी से निजात दिलाने की जुगत में था तो कोई पैर को पानी से ठंडा कर रहा था। जैसे रोडवेज बसें आई तो उनसे मजदूरों को उनके शहर के लिए रवाना किया गया।

राजस्थान से प्रवासी मजदूरों को लेकर लगातार बसें हाथरस के स्टेडियम आ रही हैं, जहां यूपी रोडवेज की बसों के जरिए उनको पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों के लिए रवाना किया गया। स्टेडियम में गर्मी प्रचंड थी और मजदूर बेहाल नजर आए। सबसे ज्यादा बुरा हाल बच्चों का था। यही वजह थी प्रवासी मजदूर और उनके बच्चे परेशान दिखे। इन मजदूरों को बस घर जाने की जल्दी थी।

राजस्थान से मजदूरों का आना 16 मई से ही शुरू हो गया था। राजस्थान से आ रही बसों के रुकने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा था। अब अफसर भी स्टेडियम आने ने बचने लगे हैं वजह साफ है क्योंकि तेज गर्मी है। एडीएम वित्त एवं राजस्व जेपी सिंह के अनुसार राजस्थान से आए मजदूरों को उनके शहरों के लिए रवाना किया जा रहा है। गर्मी में तो सभी का हाल खराब है। मजदूर ही क्या यहां गर्मी को कोई भी नहीं बैठ सकता। मगर हमें सरकार के निर्देशों का पालन हर हाल में कराना है।

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न मास्क, न शारीरिक दूरी का पालन

इस दौरान बाहर से आए मजदूरों न तो मुंह पर मास्क लगाए हुए थे और उनके बीच शारीरिक दूरी का पालन नहीं दिखा, नियमों की धज्जियां अधिकारियों की मौजूदगी में दिनभर उड़ती रही। इन जनपदों में भेजे गए मजदूर

चित्रकूट, फर्रुखाबाद, मैनपुरी, फीरोजाबाद, फैजाबाद, बाराबंकी, उन्नाव, बलरामपुर, गोंडा, पीलीभीत, बहराइच, रायबरेली, लखनऊ, कानपुर और जौनपुर हैं।

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गृह जनपद भेजे गए 23 हजार से ज्यादा श्रमिक

जासं, हाथरस : राजस्थान में रह रहे उत्तर प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों के आने का सिलसिला अभी जारी है। 28 मई को शाम साढ़े पांच बजे तक 23,690 प्रवासी श्रमिकों को 625 रोडवेज बसों से उनके गृह जनपद रवाना किया गया। इसमें राजस्थान से लौटे 19190 प्रवासी श्रमिक शामिल हैं।

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