एड्स के मरीजों से न करें भेदभाव
विश्व एड्स दिवस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व स्वास्थ्य विभाग की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया गया।
जासं, हाथरस : विश्व एड्स दिवस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में लोगों जागरूक किया गया। साथ ही एड्स के मरीजों से भेदभाव न करने के लिए प्रेरित किया गया।
जिला जज मृदुला कुमार के निर्देश पर बागला संयुक्त चिकित्सालय में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव चेतना सिंह की अध्यक्षता में किया गया। सचिव चेतना सिंह ने बताया कि एड्स के शिकार मरीज अब शान से अपनी जिदगी जी सकेंगे और उनके साथ भेदभाव करने वाले लोगों को कड़ी सजा मिलेगी। सजा के साथ-साथ ऐसे लोगों को अब जुर्माना भी देना पड़ेगा। एड्स के शिकार लोग जो खुद अपनी जिदगी से हारे होते हैं, उनके साथ होने वाले दुर्व्यवहार की वजह से उनकी जिदगी और भी तकलीफदेह हो जाती है। ऐसे में हेल्थ मिनिस्ट्री ने 10 सितंबर से एचआइवी-एड्स (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल) एक्ट 2017 को लागू किया है, जो ऐसे मरीजों के लिए बड़ी राहत है। इस अधिनियम के लागू हो जाने के बाद एचआइवी-एड्स पीड़ितों को संपत्ति में पूरा अधिकार और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी हर मुमकिन मदद मिल सकेगी।
अधिनियम में साफ किया गया है कि इस तरह के मरीजों से भेदभाव को अपराध की श्रेणी में माना जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि एचआइवी-एड्स एक्ट 2017 के अनुसार, किसी मरीज को उसकी सहमति के बिना एचआइवी टेस्ट या किसी मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।
सीएमओ डा. चंद्र मोहन चतुर्वेदी ने बताया कि इलाज से ज्यादा सुरक्षा आवश्यक है, संक्रमण बीमारी है। इसमें बीमार व्यक्ति से भेदभाव नहीं करना चाहिए, बल्कि उसे आम व्यक्ति की तरह ही प्रेम से रखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि मां को एचआइवी-एड्स है तो बच्चे को मां का दूध नहीं पिलाना चाहिए।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. अनिल सागर वरिष्ठ ने बताया कि अधिकतर ये 14 से 21 वर्ष की उम्र के ज्यादा व्यक्तियों में देखा गया है। एचआइवी-एड्स ब्लड से, सेविग से और अन्य प्रकार से होता है। किसी भी बीमारी के लिए इलाज से अधिक उसका बचाव आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जनपद हाथरस में सभी टीबी मरीजों का एचआइवी टेस्ट किया जाता है। इसका इलाज व जांच निश्शुल्क की जाती है।
डा. एसके अग्रवाल ने कहा कि बीमारी रोकने से पहले सुरक्षा किया जाना आवश्यक है। इस बीमारी का इलाज बचाव ही है। व्यक्ति को अपने जीवन साथी के प्रति वफादार होना चाहिए। विधिक साक्षरता शिविर का संचालन मनोज उपाध्याय द्वारा किया गया। इस अवसर पर कई संस्थाओं के लोग मौजूद रहे।
एड्स से बचाव और उपचार के बारे में चर्चा : शाकुंतलम कालेज फार टीचर्स एजुकेशन सलेमपुर में बीएड के प्रशिक्षुओं ने विश्व एड्स दिवस मनाया। इसमें एड्स से बचाव व उपचार के बारे में चर्चा की। प्रवक्ता ओमवीर सिंह ने विचार व्यक्त करते हुए प्रशिक्षुओं का मार्गदर्शन किया। प्रवक्ता चंद्रशेखर ने भी बचाव के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर बीएड प्रशिक्षु वासुदेव, यशवंत, विशाल, मनोज, कृष्ण, ज्योति सेंगर, रोहिणी पाठक, पूजा, दामिनी, सोनाली प्रियंका, सुधीर गौतम, हेमंत कुमार, शंकरलाल मौजूद रहे।