दिव्यांग व महिला शिक्षकों को मनचाही तैनाती, खिले चेहरे

दीपावली से पहले बेसिक शिक्षा विभाग के 168 शिक्षकों की सौगात मिली है। पुरुष शिक्षकों को शासन स्तर से स्कूल आवंटित किए गए हैं तो गुरुवार को बीआरसी हतीसा पर दिव्यांग व महिला शिक्षिकाओं को बुलाकर विकल्प के अनुसार स्कूल आवंटित किए गए।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 01:41 AM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 01:41 AM (IST)
दिव्यांग व महिला शिक्षकों को  मनचाही तैनाती, खिले चेहरे
दिव्यांग व महिला शिक्षकों को मनचाही तैनाती, खिले चेहरे

संस, हाथरस : दीपावली से पहले बेसिक शिक्षा विभाग के 168 शिक्षकों की सौगात मिली है। पुरुष शिक्षकों को शासन स्तर से स्कूल आवंटित किए गए हैं तो गुरुवार को बीआरसी हतीसा पर दिव्यांग व महिला शिक्षिकाओं को बुलाकर विकल्प के अनुसार स्कूल आवंटित किए गए। मनपसंद विद्यालय मिलने से शिक्षिकाओं के चेहरे खिल गए।

बीआरसी हतीसा पर सुबह आठ बजे ही महिला व दिव्यांग शिक्षक पहुंच गए। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मास्क पहनकर शिक्षक बीआरसी पहुंचे, जहां ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा के पर्यवेक्षण में शिक्षिकाओं और दिव्यांगों से स्कूलों का विकल्प लिया गया। 54 महिला शिक्षिकाओं व पांच दिव्यांग शिक्षकों को विकल्प देने के बाद उनकी पसंद का विद्यालय मिल गया। अब अपने-अपने विद्यालयों में जाकर सहायक अध्यापक कार्यभार ग्रहण करेंगे। बीआरसी हतीसा पर जिला विद्यालय निरीक्षक सुनील कुमार, बीएसए मनोज कुमार मिश्र सहित बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय का स्टाफ मौजूद रहा। फ्रांस के राष्ट्रपति के बयान की निदा

संसू, सिकंदराराऊ : फ्रांस के राष्ट्रपति की ओर से इस्लाम को लेकर दिए गए बयान पर समाजसेवी जाफर अली फारूकी ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस बयान से पूरी दुनिया के मुसलमानों की भावना आहत हुई है। इजहारे आजादी का मतलब ये नहीं है जो आपके दिल में जो आए, वह बोल दें। उनका यह बयान बर्दाश्त करने लायक नहीं है। हर धर्म के अवतारों, पैगंबरों, ऋषि-मुनियों, सूफी संतों को बड़े सम्मान की निगाह से देखा जाता है। केंद्र सरकार को राजनयिक स्तर पर विरोध दर्ज कराकर भारत के मुसलमानों की भावनाओं को फ्रांस तक पहुंचाना चाहिए।

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