डीजल ने मालभाड़ा में लगाई महंगाई की आग
भाड़े में 15 से 20 फीसद तक बढ़ोतरी दीपावली बाद हो सकती है और बढ़ोत्तरी।
जासं, हाथरस : डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। इसका असर ट्रांसपोर्ट कारोबार पर पड़ रहा है। इससे मालभाड़ा 15 से 20 फीसद तक बढ़ गया है। ट्रांसपोर्ट कारोबारियों की मानें तो डीजल की दरों में इसी तरह वृद्धि होती रही तो दीपावली के बाद भाड़ा और बढ़ सकता है।
यहां से खाद्य वस्तुओं के अलावा मसाले, दाल व अन्य वस्तुएं आसपास के जिलों और दूसरे प्रांतों में ट्रक व मिनी लोडर से भेजी जाती हैं। फैक्ट्रियों के अलावा थोक बाजार में सामान उतारा और लादा जाता है। त्योहारी सीजन में माल की खपत अधिक बढ़ जाती है। एक साल पहले डीजल के दाम 60 से 65 रुपये प्रति लीटर थे। वहीं अब यह दाम लगभग 95 रुपये तक पहुंच गए हैं। वहीं कोरोना काल में परिवहन शुल्क का बोझ लगातार ट्रांसपोर्ट कारोबारियों में पड़ा हुआ है। समय पर किस्त जमा न होने से फाइनेंस कंपनियों का भी दबाव बना रहता है। ऐसे में ट्रांसपोर्ट कारोबारियों के पास मालभाड़ा बढ़ाने की मजबूरी है। कारोबारी कहते हैं कि सरकार डीजल के दाम रोजाना बढ़ा रही है। हम कर भी क्या सकते हैं। मालभाड़ा बढ़ने का असर फुटकर बाजार पर पड़ रहा है। औसतन प्रति गाड़ी 400-500 रुपये भाड़ा बढ़ गया है। इससे सामान महंगे हो रहे हैं, क्योंकि दुकानदार मालभाड़ा का बोझ ग्राहक से ही वसूल रहे हैं। वर्जन
डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। इसका असर हमारे कारोबार पर पढ़ रहा है। सरकार अपने टैक्स समय पर लेना चाहती है लेकिन ट्रांसपोर्ट कारोबारियों राहत नहीं दे रही है।
नवजोत शर्मा, ट्रांसपोर्ट कारोबारी कोरोना काल के कारण ट्रांसपोर्ट कारोबार पहले से ही प्रभावित रहा है। कारोबारी परिवहन शुल्क के अलावा फाइनेंसरों की किस्त निकाल पाने में असमर्थ हैं।
अमित बंसल, ट्रांसपोर्ट कारोबारी