दिव्यांग की धड़कनें बढ़ाकर मैनेज करने में जुटा विभाग
दैनिक जागरण की खबर को लिया मुख्य विकास अधिकारी ने संज्ञान चेक तलाश रहे कर्मी दिव्यांग को बुलाकर रास्ता निकालने में जुटे।
जागरण संवाददाता, हाथरस : भोले-भाले दिव्यांग पर बिना आवेदन कर्ज दिखाने के कारनामे का सच सामने आया तो दिव्यांगजन विभाग में खलबली मच गई। दैनिक जागरण की खबर को मुख्य विकास अधिकारी आरबी भास्कर ने संज्ञान लेकर विभागीय लापरवाही पर जांच बिठाने की बात कही है। उधर, विभागीय कर्मचारी अब चेक तलाशने में जुट गए हैं। विभागीय स्तर से दिव्यांग को मैनेज करने की कसरत भी शुरू कर दी गई है। एक दिन पहले ही जिला दिव्यांगजन अधिकारी ने दावा किया था कि 10 साल पहले चेक बना था।
पूरा मामला : ब्लाक सहपऊ के गांव नारायणपुर बाद के रहने वाले दिव्यांग धर्मवीर सिंह के पास डाक से पिछले दिनों नोटिस मिला। दिव्यांगजन विभाग से भेजे गए नोटिस में जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी प्रतिभा पाल के हस्ताक्षर हैं। नोटिस में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2010-11 में दुकान में रोजगार के लिए 10 हजार रुपये लोन लिया था। अब तक कोई किस्त जमा नहीं की। आरसी जारी करने की चेतावनी के साथ तीन दिन के अंदर 16800 रुपये के भुगतान की बात कही गई थी। नोटिस से दिव्यांगजन का परिवार टेंशन में आ गया।
दिव्यांग को साध रहा विभाग
दैनिक जागरण में खबर छपने के बाद विभागीय स्तर से किसी ने दिव्यांग धर्मवीर सिंह से संपर्क किया। दिव्यांग के भाई पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि विभाग के स्टाफ ने सीधे कहा, 'कहां मीडिया के झंझट में पड़ गए, सीधे मिल लेते तो समस्या का समाधान हो जाता। खैर अब आपके भाई के पास कोई नोटिस नहीं जाएगा।' उधर, दिव्यांगजन अधिकारी प्रतिभा पाल का कहना है कि 10 साल पहले चेक बना था, तभी उसे रजिस्टर में दर्ज किया गया। वर्जन
दैनिक जागरण की खबर को संज्ञान लिया गया है। इस तरह की लापरवाही करना ठीक नहीं है। लापरवाही किस स्तर पर और क्यों हुई, इस बात की जांच कराई जाएगी। इस संबंध में दिव्यांगजन अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं।
आरबी भास्कर, सीडीओ हाथरस