परिवार की देखरेख के साथ मरीजों की सेवा को समर्पित
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर विशेष कोविड के मरीजों की भी करनी पड़ रही है सेवा पिछली साल भी ड्यूटी को दिया था अंजाम।
जासं, हाथरस : कोरोना काल में मरीजों की सेवा के साथ परिवार की देखभाल चुनौतीपूर्ण कार्य है। अस्पताल में तैनात नर्स इस दोहरी चुनौती को बखूभी निभा रही हैं। अंतरराष्ट्रीय नर्स डे पर बातचीत में नर्सों ने अपने अनुभव साझा किए। अब नहीं लगता कोरोना का
डर, ड्यूटी कर रहे निडर
प्रेम रघु हॉस्पिटल में स्टाफ नर्स रुबीना ने कहा कि कोरोना मरीजों का इलाज करते हुए काफी समय हो गया। जितना हमसे हो पा रहा है, उसको पूरी शिद्दत से करने की कोशिश करते हैं। अपना बचाव मास्क लगाकर व ग्लव्स पहन कर करते हैं। कोरोना से डरने की बजाय कोशिश रहती है कि जो मरीज आएं तो वे पूरी तरह स्वस्थ होकर जाएं। जब कोई स्वस्थ होकर घर जाता है तो सबसे बड़ी खुशी मिलती है।
यहां परिवार की चिंता छोड़
मरीजों की रहती है फिक्र
हाथरस जंक्शन निवासी पुष्पा देवी हसायन के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 21 वर्षों से नर्स के रूप में काम कर रही हैं। पिछले कोरोना काल में सर्वे व अन्य कार्य में सहयोग किया था। अब कोरोना की दूसरी लहर में वैक्सीन लगवाने में ड्यूटी लगी हुई है। सुबह परिवार के सभी कार्य निपटाने के बाद ड्यूटी पर आ जाती हैं। कोविड की गाइड लाइन का पालन करने के बाद भी कभी-कभी कोई दिक्कत होती है तो साधारण उपचार ले लेते हैं। वैसे स्वास्थ्य बेहतर रहा है। अस्पताल पहुंचने पर सिर्फ मरीजों की फिक्र होती है।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए
हम भी बरत रहे पूरी सावधानी
सासनी सीएचसी पर तैनात 54 वर्षीय इंदिरा कुमारी 30 वर्ष से लगातार सासनी सीएचसी पर नर्स के रूप में सेवा दे रही हैं। इनकी ड्यूटी महिला वार्ड यानी जच्चा-बच्चा केंद्र पर रहती है। आजकल कोरोना का संक्रमण चल रहा है। अस्पताल में सभी तरह के मरीज आते हैं। उनका कहना है कि इस वजह से पूरी सावधानी बरतते हैं। कोविड की गाइडलाइन का पालन किया जाता है। मास्क, ग्लव्स पहनकर रहते हैं। घर पहुंचने पर परिवार के सदस्यों के नजदीक नहीं जाते हैं।