जिला पंचायत में चल रही कांटे की टक्कर
तीसरे-चौथे राउंड की मतगणना तक कई वार्डों पर निर्दलीय प्रत्याशी भी बनाए हुए थे बढ़त सपा समर्थित ओमवती यादव दोनों वार्डों में पीछे वार्ड 16 से विनोद उपाध्याय भी पीछे थे।
जासं, हाथरस : जिला पंचायत सदस्य के 24 पदों के लिए चुनाव में भाजपा, सपा, बसपा, रालोद और कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं। इन पदों के लिए निर्दलीय प्रत्याशियों सहित 311 प्रत्याशी मैदान में हैं। देर रात 10 बजे तक कुछ ब्लॉकों में तीन राउंड तो कुछ में चार राउंड की मतगणना पूरी हो चुकी थी। सभी वार्डों में प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर दिख रही थी।
वार्ड एक से निर्दलीय उमाशंकर गुप्ता भाजपा समर्थित नितिन पुंढीर से, वार्ड दो से निर्दलीय रामेश्वर पहलवान बसपा समर्थित सुरेंद्र सिंह, वार्ड तीन के निर्दलीय सोनू चौहान सपा समर्थित ओमवती यादव से, वार्ड चार से भाजपा की राधा परमार सपा समर्थित ओमवती यादव से आगे थीं। वहीं वार्ड पांच से सुशीला, वार्ड छह से निर्दलीय रानू जादौन, वार्ड 07 से सपा समर्थित मनोज बघेल, वार्ड आठ से बसपा समर्थित आरती, वार्ड नौ से भाजपा समर्थित चंद्रपाल सिंह सपा समर्थित राजेश दिवाकर से आगे थे। वार्ड 10 से बसपा समर्थित राधा सिंह, वार्ड 11 निर्दलीय निहाल सिंह दिवाकर भाजपा समर्थित रत्नेश चटर्जी से, वार्ड 12 से भाजपा समर्थित पिकी, वार्ड 13 में भाजपा समर्थित गरुणध्वज सिंह प्रतिद्वंद्वी श्याम सिंह से, वार्ड 14 से निर्दलीय सीमा उपाध्याय निर्दलीय क्षमा शर्मा से, वार्ड 15 से सतीश चौधरी, वार्ड 16 से रालोद से गुड्डू चौधरी निर्दलीय विनोद उपाध्याय से, वार्ड 17 से ईशान चौधरी, वार्ड 18 से उम्मेद सिंह, वार्ड 19 से सपा समर्थित साकेत ठेनुआं, वार्ड 20 से बसपा समर्थित प्रत्याशी वरुण गौतम, सपा समर्थित डॉ. मीनू यादव से, वार्ड 21 से भाजपा समर्थित राजवती सपा समर्थित सुमन यादव से वार्ड 22 से निर्दलीय गुंजन शर्मा सपा समर्थित संजीदा सिसोदिया से, वार्ड 23 प्रीति सेंगर, वार्ड 24 प्रभा सिंह बढ़त बनाए हुए थीं।
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काश जिदा होते भाजपा समर्थित प्रत्याशी चंद्रपाल सिंह
जिला पंचायत सदस्य के भाजपा समर्थित प्रत्याशी चंद्रपाल सिंह एडवोकेट नौ नंबर वार्ड से लड़े थे। 15 अप्रैल को मतदान के बाद उनका हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया था। इसके बाद 2 मई को मतगणना शुरू हुई। मतगणना में तीसरे राउंड की मतगणना तक वे अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा समर्थित राजेश दिवाकर से आगे चल रहे थे। उनके समर्थकों में इस बात की चर्चा रही कि अगर वे जिदा होते तो अपनी बढ़त की खुशी मना रहे होते।