शिकायतों और आरोपों में घिरे सीएमओ राठौर का तबादला
पीलीभीत के एसीएमओ डॉ. चंद्रमोहन चतुर्वेदी संभालेंगे कमान मनमानी और लचर व्यवस्था पर जनप्रतिनिधियों ने की थी शिकायत वित्तीय अनियमितता को लेकर डीएम ने भी शासन को भेजी थी रिपोर्ट।
संवाद सहयोगी, हाथरस : कोरोना काल में कार्य में शिथिलता, मनमानी का खामियाजा सीएमओ डॉ. ब्रजेश राठौर को भुगतना पड़ा। शासन ने उनका तबादला कर दिया। बुधवार शाम तबादला आदेश आते ही चर्चाओं का दौर शुरू हो गया।
बुधवार शाम को शासन से नौ स्वास्थ्य अधिकारियों के तबादले का आदेश जारी हुआ। इसमें हाथरस के सीएमओ डॉ. ब्रजेश राठौर का नाम भी शामिल था। उन्हें सहारनपुर मंडल में संयुक्त निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार बनाया गया है। पीलीभीत के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. चंद्रमोहन चतुर्वेदी को हाथरस का सीएमओ बनाया गया है।
डा. ब्रजेश राठौर की कार्यशैली पर कोरोना काल में लगातार उंगली उठ रही थी। उनके व्यवहार के प्रति जनप्रतिनिधियों में भी नाराजगी थी। कोविड काल में वेंटीलेटर चालू न करने, ऑक्सीजन के लिए भटक रहे मरीजों के प्रति संवेदनशील न होने, चिकित्सा सुविधाओं का ठीक से क्रियान्वयन न करने की शिकायत सदर विधायक हरीशंकर माहौर, सिकंदराराऊ विधायक वीरेंद्र सिंह राणा ने शासन को भेजी थी। चेयरमैन आशीष शर्मा ने भी डीएम को पत्र लिखकर सीएमओ पर गंभीर आरोप लगाए थे। हरीशंकर माहौर ने बताया कि बुधवार सुबह मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एसपी गोयल को उन्होंने सीएमओ की कार्यशैली का फीडबैक दिया था। एडी हेल्थ डा. एसके उपाध्याय के अनुसार मरीजों को बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध न कराने, कार्यों में शिथिलता बरतने को लेकर कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा था। वित्तीय अनियमितता की शिकायत
सीएमओ डॉ. ब्रजेश राठौर पर वित्तीय अनियमितता के आरोप भी लगे थे। इस संबंध में शिकायत डीएम, कमिश्नर और उच्चाधिकारियों से की गई थी। आरोप था कि कंप्यूटर ऑपरेटर की एक वर्ष के लिए भर्ती की गई थी, जबकि सीएमओ तीन वर्ष से उसे रखे हुए थे। जो गाड़ियां किराए पर ली थीं, उनके जीपीएस और लॉगबुक का डाटा अलग-अलग था। कमिश्नर के आदेश पर कमेटी ने भी इसकी जांच की थी। डीएम रमेश रंजन ने भी वित्तीय अनियमितताओं की रिपोर्ट शासन को भेजी थी।