बादल दे रहे दगा, गर्मी से हाल-बेहाल
जुलाई के दो सप्ताह निकल गए जरूरत के हिसाब से नहीं बरसे किसानों को सता रही धान की चिता इस तरह सूख जाएगी खेती।
जासं, हाथरस : मौसम का मिजाज समझ में नहीं आ रहा है। जुलाई के दो सप्ताह गुजर गए मगर मानसून सक्रिय नहीं हुआ। भीषण गर्मी से लोगों का हाल-बेहाल है। बादल छाते हैं मगर बारिश नहीं हो रही। सबसे अधिक परेशान धान उत्पादक किसान हैं। उन्हें बारिश न होने से खेतों को भरने के लिए पानी नहीं मिल रहा है।
जून बीतने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि जुलाई राहत देने वाला होगा लेकिन उम्मीदों पर बादलों ने पानी फेर दिया। इस सप्ताह एक या दो दिन छोड़ दे पूरे जनपद में बारिश नहीं हुई। सिकंदराराऊ तहसील क्षेत्र बिना पानी के आज भी तरस रहा है। 14 जुलाई को बारिश के बाद अभी तक जनपद में एक बूंद पानी नहीं बरसा है। दो दिन से बादल छा तो रहे हैं लेकिन लोगों को चिढ़ाकर चले जा रहे हैं। चिलचिलाती गर्मी पड़ रही है। इसका असर पशु पक्षियों पर भी पड़ रहा है। यहां तक कि पेड़-पौधों की पत्तियां झुलसने लगी हैं। किसान को है बारिश का इंतजार
धान के अलावा खरीफ की अन्य फसलों का सीजन चल रहा है। सिकंदराराऊ क्षेत्र में धान की फसल किसान प्रमुखता से करते हैं। धान की रोपाई से पहले पलेवा के लिए खेतों को भरना जरूरी है। इसके लिए बारिश का पानी जरूरी है। कुछ किसानों ने हिम्मत कर नलकूप व डीजल पंप से खेतों को भरकर धान की रोपाई कर दी थी लेकिन अब उन्हें पानी नहीं मिल रहा है। जिनके पास साधन नहीं हैं, उनके खेत जोतने के बाद सूखे पड़े हैं। नर्सरी में धान की पौधें भी लगातार बढ़ती जा रही हैं। बोले किसान
खेत को जोतकर तैयार कर लिया है। धान की पौध भी नर्सरी में तैयार है लेकिन बारिश न होने की वजह से रोपाई नहीं कर पा रहे हैं।
मो. यूनिस, नगला मधुरकर रोपाई से लेकर फसल के पकने तक धान की फसल के लिए पानी जरूरी होता है लेकिन रोपाई के समय ही बारिश नहीं हो रही है।
गौरीशंकर भारद्वाज, जरेरा