बेसिक स्कूलों से निकलेंगी 'चानू' व 'सिधू'

खेलों के जरिए आज तमाम महिला खिलाड़ी ऐसी हैं जोकि अपने देश का नाम रोशन कर रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 28 Aug 2021 01:13 AM (IST) Updated:Sat, 28 Aug 2021 01:13 AM (IST)
बेसिक स्कूलों से निकलेंगी 'चानू' व 'सिधू'
बेसिक स्कूलों से निकलेंगी 'चानू' व 'सिधू'

हाथरस, प्रमोद सिंह: खेलों के जरिए आज तमाम महिला खिलाड़ी ऐसी हैं जोकि अपने देश का नाम रोशन कर रही हैं। फिर चाहे कुश्ती में साक्षी मलिक और हाल ही ओलिपिक में बैडमिटन में पीवी सिधु व भोरोत्तलन में सिल्वर मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू की बात ही क्यों न हो। देश के लिए पूर्व में भी कई महिला खिलाड़ियों ने कठिन परिश्रम करके देश के लिए पदक जीते हैं। खेलों के प्रति बचपन से ही बालिकाओं के अंदर जुनून पैदा किया जा सके, इसलिए अब सरकार द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। बेसिक व कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं को खेल के जरिए देश का नाम रोशन करने वाली विभिन्न खेलों की महिला खिलाड़ियों के जीवन संघर्ष से रूबरू कराया जाएगा। इसके साथ ही बालिकाओं की इंडोर व आउटडोर खेल प्रतियोगिताएं भी सितंबर माह में आयोजित कराई जाएंगी।

खिलाड़ियों की जीवन गाथा सुनेंगी बालिकाएं

देश के लिए एथलीट पीटी ऊषा, मैरीकाम, दीपिका कुमारी, झूलन गोस्वामी, बैडमिटन में साइना नेहवाल, तलवारबाजी में भवानी देवी सहित कई ऐसी महिला खिलाड़ी हैं, जिन्होंने विषम परिस्थिति में अपने खेल के जरिए देश का नाम विश्व पटल रोशन किया। प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कस्तूरबा विद्यालयों में पढ़ने वाली बालिकाओं को अगले महीने सितंबर में महिला खिलाड़ियों के जीवन संघर्ष एवं उनके कठिन प्रयासों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही बालिकाओं को विभिन्न खेलों के नियमों की बारीकियों को बताया जाएगा।

शिक्षकों पर रहेगी जिम्मेदारी

विद्यालयों के हेड मास्टर व कस्तूरबा विद्यालयों की वार्डन 20-20 बालिकाओं के समूह बनाकर उन्हें महिला खिलाड़ियों की जीवन गाथा के बारे में अवगत कराएंगी। इसके साथ ही इंडोर और आउटडोर खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन भी कराना होगा। जिससे कि अधिक से अधिक बालिकाओं की खेल प्रतिभा को आगे चलकर निखारा जा सके।

इनकी सुनो

देश की विभिन्न महिला खिलाड़ियों के जीवन संघर्ष के बारे में बालिकाओं को बताया जाएगा, जिससे कि बालिकाएं प्रेरित हो सकें। बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को भी निखारा जाएगा।

अशोक चौधरी, जिला समन्वयक, बालिका शिक्षा।

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