पड़ोसी गांव के युवक को ले गई सीबीआइ

सीबीआइ की टीम शुक्रवार को फिर मृतका के गांव बूलगढ़ी पहुंची। वहां कुछ ग्रामीणों से बातचीत की। इसके बाद थाने पहुंची टीम ने पड़ोसी गांव चितावर के एक युवक को बुलाया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 03:57 AM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 03:57 AM (IST)
पड़ोसी गांव के युवक  को ले गई सीबीआइ
पड़ोसी गांव के युवक को ले गई सीबीआइ

जासं, हाथरस : सीबीआइ की टीम शुक्रवार को फिर मृतका के गांव बूलगढ़ी पहुंची। वहां कुछ ग्रामीणों से बातचीत की। इसके बाद थाने पहुंची टीम ने पड़ोसी गांव चितावर के एक युवक को बुलाया। टीम उसे पूछताछ के लिए कैंप कार्यालय ले गई। बताया जा रहा है कि यह युवक नाबालिग आरोपित का दोस्त है।

बूलगढ़ी मामले में 20 दिन से सीबीआइ जांच कर रही है। 11 अक्टूबर को सीबीआइ की टीम ने हाथरस में डेरा जमाया था। उसके बाद टीम सभी पहलुओं पर जांच कर रही है। अभी तक सीबीआइ मृतका और आरोपित के स्वजन से कई बार पूछताछ कर चुकी है। गांव वालों, नाबालिग आरोपित के दोस्त, अन्य ग्रामीणों और आसपास के गांवों के लोगों से भी पूछताछ की जा रही है। शुक्रवार की शाम को सीबीआइ कुछ देर के लिए गांव गई। वहां दो ग्रामीणों से बातचीत के बाद टीम चंदपा थाने पर आ गई। यहां टीम ने पास के ही गांव चितावर निवासी प्रभात कुमार को बुलाया। टीम पूछताछ के लिए उसे अपने साथ कैंप कार्यालय ले गई। देर शाम तक उससे पूछताछ जारी थी। नाबालिग की उम्र को

लेकर पड़ताल जारी

बूलगढ़ी मामले में जांच के बीच नाबालिग आरोपित की उम्र को लेकर सीबीआइ की माथापच्ची जारी है। सीबीआइ इसको लेकर कई रिकॉर्ड खंगाल रही है।

बूलगढ़ी मामले में जेल भेजे गए चारों आरोपितों के घरों पर रिकॉर्ड खंगाला था। तब हाईस्कूल की अंकतालिका से एक आरोपित की उम्र 18 वर्ष से कुछ माह कम पाई गई। हाईस्कूल की पढ़ाई जवाहर स्मारक इंटर कॉलेज मीतई में की गई थी। परीक्षा में वह फेल हो गया था। इसके रिकॉर्ड सीबीआइ की टीम कॉलेज जाकर देख चुकी है।

सीबीआइ गांव के प्राथमिक विद्यालय ही नहीं, नाबालिग आरोपित के साथ पढ़ने वाले लड़कों के यहां भी जाकर जानकारी कर चुकी है। बताया जा रहा है कि सीबीआइ ने प्राथमिक विद्यालय का जो रिकॉर्ड कब्जे में लिया है, उसमें नाबालिग आरोपित के दो बार दाखिला लिए जाने की बात सामने आई है। पहले दाखिले की जन्मतिथि के अनुसार उसकी उम्र 20 वर्ष के करीब हो रही है, वहीं दूसरी बार दाखिले के अनुसार उसकी उम्र 18 वर्ष से कम हो रही है। इसको लेकर सीबीआइ की छानबीन जारी है। स्वजन, पड़ोसी, साथ पढ़ने वाले दोस्त और गांव के परिवार रजिस्टर में छानबीन की गई है। अगर इसके बावजूद उम्र को लेकर स्थिति साफ नहीं होती है तो सीबीआइ नाबालिग आरोपित का मेडिकल करा सकती है।

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