क्षमता 1700 की, 180 ने किया सफर
तिगुना किराया कर देने पर स्पेशल ट्रेन में कम सफर कर रहे मुसाफिर मुसाफिरों को जल्द मिलेगी एमएसटी की सुविधा कोरोना का रहेगा ख्याल।
जागरण संवाददाता, हाथरस : हाथरस की लाइफ लाइन बनी पैसेंजर ट्रेन में सवारियों के बैठने की क्षमता यूं तो 1700 मुसाफिरों की है, मगर दूसरे दिन महज 180 मुसाफिरों ने ही सफर किया। हालांकि पहले दिन यह संख्या 95 ही थी। दूसरे दिन यात्री दोगुने हो गए। कम संख्या में मुसाफिरों के सफर करने के पीछे कई वजहें बताई जा रही हैं। रेलवे को उम्मीद है कि जल्द ही मुसाफिरों की संख्या बढ़ेगी।
कोरोना के कारण 22 मार्च 2020 से ही सभी ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया था। अनलॉक होने पर कुछ एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाने की इजाजत दी गई थी। लोकल ट्रेनों को चलाने की पाबंदी 11 महीने तक रही। एक मार्च से लोकल ट्रेन के संचालन की शुरुआत एक ट्रेन से की गई है। दूसरे दिन यानी मंगलवार की सुबह पैंसेंजर ट्रेन हाथरस जंक्शन से शुरू दिल्ली के लिए चली तो दूसरे दिन मुसाफिरों की संख्या दोगुनी हो गई। पहले दिन 95 मुसाफिरों ने सफर किया तो दूसरे दिन यह संख्या 180 तक पहुंच गई। पैसेंजर ट्रेन में 1700 मुसाफिरों के सफर करने की क्षमता है, मगर इतनी संख्या में मुसाफिरों को एंट्री इसलिए नहीं मिलेगी क्योंकि दो गज की दूरी के नियम का भी तो पालन कराना है। बिना मास्क ट्रेन में एंट्री नहीं
दरअसल, भीड़ में कोरोना के फैलने का खतरा अधिक होता है, इसलिए दो गज दूरी और मास्क भी जरूरी का स्लोगन सरकार की ओर से दिया गया था। इस पर रेलवे की ओर से खास तौर पर ध्यान दिया जा रहा है। यह बात अलग है कि इस नियम पर रोडवेज बसों में सरेआम धज्जियां उड़ रही हैं। ट्रेन में आरपीएफ और जीआरपी के जवानों की आवाजाही इस बात का अहसास करा रही थी कि पहले दिन नियमों का पालन कराने के लिए फोर्स भी है। इस दौरान दो गज दूरी और मास्क है जरूरी का भी पूरी तरह से पालन होता दिखा। वर्जन ---
लंबे समय से लोकल ट्रेन की मांग की जा रही थी, इसलिए ट्रेन का संचालन रेलवे की ओर से शुरू किया गया है। पहले दिन से दूसरे दिन मुसाफिरों की संख्या दोगुनी हुई है। सफर के दौरान सामाजिक दूरी का ख्याल और चेहरे पर मास्क के नियम का पालन कराया जाएगा।
संजय शुक्ला, वरिष्ठ वाणिज्य निरीक्षक, अलीगढ़।