सिघाड़े की हुई बंपर पैदावार, नहीं मिल पा रहा वाजिब दाम

किसानों से दस रुपये किलो खरीदकर बाजारों में 25 से 30 रुपये किलो तक बेचा जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 12:57 AM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 12:57 AM (IST)
सिघाड़े की हुई बंपर पैदावार, नहीं मिल पा रहा वाजिब दाम
सिघाड़े की हुई बंपर पैदावार, नहीं मिल पा रहा वाजिब दाम

संवाद सूत्र, हाथरस : हसायन में सिघाड़े की खेती स्थानीय किसानों द्वारा बड़े स्तर पर की जाती है। इस बार सिघाड़े के रेट कम होने से उत्पादक परेशान हैं। सिघाड़े की फसल का लाभ किसानों को नहीं, बल्कि विचौलिये व्यापारियों को मिल रहा है। किसानों से दस रुपये किलो खरीदकर बाजारों में 25 से 30 रुपये किलो तक बेचा जा रहा है।

कस्बे के तालाब के अलावा जाऊ, बकायन, नगला कांच सहित कई गांवों में सिघाड़े की फसल बहुत होती है। इस नकदी फसल से किसानों के साथ सैकड़ों मजदूरों को भी रोजगार मिलता है। इस बार बारिश ठीक होने से सिघाड़े की पैदावार भी बढ़ी है। क्षेत्र में बाजार से लेकर सब्जी की दुकानों तक पर सिघाड़ा खूब दिख रहा है। किसानों की फसल को व्यापारियों द्वारा तालाबों पर आकर ही खरीदा जा रहा है।

कीमत कम : सिघाड़े की फसल इस बार पिछले साल की अपेक्षा अधिक पैदावार हुई है। यहां से सिघाड़ा राजस्थान, दिल्ली सहित दूसरे राज्यों में भी भेजा जाता है। इसको सुखाकर सिघाड़ी तैयार की जाती है, जो महंगी कीमत पर बिकती है। इस बार किसानों के सिघाड़ा दस रुपये किलो खरीदा जा रहा है। बाजार में दुकानों पर इसकी कीमत 25 से 30 रुपये किलो है। कम कीमत मिलने किसान परेशान हैं। इनका कहना है

इस बार बरसात अच्छी होने के कारण पैदावार अच्छी हुई है मगर रेट उचित नहीं मिलने से लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है।

-रामबाबू सिगारिया, कोई मंडी न होने के कारण ही किसानों को दिक्कत हो रही है। कई बार मांग करने के बाद भी स्थानीय स्तर पर किसी मंडी की स्थापना यहां नहीं हुई है।

-आस मोहम्मद, किसान।

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