बूलगढ़ी के बहाने चल रहे सियासी तीर

राज्यसभा के चुनाव को लेकर बसपा सुप्रीमो पर साधा निशाना बिहार में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी की गई थी टिप्पणी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 03:56 AM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 03:56 AM (IST)
बूलगढ़ी के बहाने चल रहे सियासी तीर
बूलगढ़ी के बहाने चल रहे सियासी तीर

जासं, हाथरस : बूलगढ़ी कांड की अभी सीबीआइ जांच पूरी नहीं हुई है लेकिन इसपर राजनीति गरमा गई है। राज्यसभा चुनाव में भी विपक्षी इस मुद्दे पर अपने विरोधी दल पर तंज के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। फिलहाल सूबे की भाजपा सरकार के साथ बसपा सुप्रीमो पर निशाना साधा गया है। सोशल मीडिया से ली गई तस्वीर प्रमाण है जिसमें रात में एक चिता जलते हुए दिखाई दे रही है और पास में कुछ पुलिसकर्मी खड़े हैं। उसमें लिखा गया है, 'हाथरस की दलित बेटी को रात 2.30 बजे जलाने वाली भाजपा को सपोर्ट करेंगी माया।' इसमें बसपा सुप्रीमो का एक फोटो भी अटैच किया गया है।

इससे पहले बिहार में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी कांग्रेस समर्थकों ने ऐसा ही पोस्ट जारी किया था। उसमें 'बिटिया को रात में स्वजन की बिना अनुमति के जलाने वालों को माफ नहीं करेगी बिहार की जनता' लिखकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया था।

हाल ही में 27 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी विपक्षी दलों ने सोशल मीडिया पर स्वागत किया। उसमें हाईकोर्ट की निगरानी में जांच के आदेश को सराहा गया है। बॉलीवुड की हस्तियों ने भी की

थी सोशल मीडिया पर टिप्पणी

बूलगढ़ी की बेटी के साथ हुई घटना पर राजनीतिक दलों के अलावा फिल्मी हस्तियों ने भी खूब प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। प्रदेश व केंद्र की सरकार पर जमकर निशाना साधा था।

बूलगढ़ी गांव में नहीं दिख

रही दीपावली की तैयारी

जासं, हाथरस : एक ओर दीपावली से पहले बाजारों में रौनक है वहीं बूलगढ़ी गांव में सन्नाटा पसरा है। गांव की गलियों में अभी भी अजीब सी खामोशी है। मृतका का घर हो या आरोपितों के घर या उनके जुड़े परिवार। गांव में रौनक फिलहाल लौटती नहीं दिख रही है।

त्योहार का सीजन शुरू हो गया है। बाजारों में खरीदारी जोरों पर है। गांव के लोग भी हाथरस में त्योहारों को देखते हुए खरीदारी करने आ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर हाथरस का बूलगढ़ी गांव खामोश है। सड़कों पर सन्नाटा पसरा है। खेत कट गए हैं, दूसरी फसल के लिए जोताई शुरू हो गई है। लेकिन त्योहार को लेकर घरों में तैयारियां नदारद है।

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