जिले के अल्पसंख्यक व एससी बहुल बूथों पर भाजपा की नजर

-सरकार की योजनाओं के बल पर बदलेंगे मतदाताओं का मूड भाजपा के शीर्ष नेताओं ने मंडल प्रभारियों को दिए हैं दिशा-निर्देश।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 11 Nov 2021 01:02 AM (IST) Updated:Thu, 11 Nov 2021 01:02 AM (IST)
जिले के अल्पसंख्यक व एससी बहुल बूथों पर भाजपा की नजर
जिले के अल्पसंख्यक व एससी बहुल बूथों पर भाजपा की नजर

जासं, हाथरस : विधानसभा चुनाव-2020 में फतह के लिए भाजपा बूथ स्तर पर लगातार नए प्रयोग कर रही है। अब अल्पसंख्यक और अनुसूचित जाति बहुल बूथों को लक्ष्य बनाकर भाजपा संगठन मंथन कर रहा है। मंडल अध्यक्ष और मंडल प्रभारियों को ऐसे बूथ चिह्नित कर भाजपा की रीति-नीति और सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं।

जनपद में तीन विधानसभा सीटें हैं। इसमें हाथरस के अलावा सिकंदराराऊ और सादाबाद विधानसभा क्षेत्र हैं। इन विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के पास सिकंदराराऊ और हाथरस की सीटें हैं। हाथरस विधानसभा क्षेत्र सुरक्षित है। वहीं सादाबाद विधानसभा क्षेत्र में 2017 के चुनाव में बसपा जीती थी। इस बार भाजपा की ब्रज की 65 सीटों में हाथरस की खोई हुई सादाबाद विधानसभा सीट सहित तीनों सीटों पर जीतने का लक्ष्य दिया गया है।

हाल ही में ब्रज क्षेत्र के 19 जिलों के मंडल अध्यक्ष व मंडल प्रभारियों की बैठक हुई थी। प्रदेश चुनाव प्रभारी व केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान व प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने भी मार्गदर्शन दिया था। इस बैठक में बूथ स्तर पर जीत पर मंथन हुआ था। भाजपा में 'बूथ जीता, चुनाव जीता' के मंत्र पहले ही दिए जा चुके हैं। जनपद में 1400 बूथ हैं। मंडल अध्यक्ष व मंडल प्रभारियों से कहा गया है कि वे अपने क्षेत्र की 100 फीसद अनुसूचित जाति व 100 फीसद अल्पसंख्यक वाली बूथों को चिह्नित करें। इन बूथों को चिह्नित कर विशेष रूप से संपर्क अभियान चलाकर लोगों को पार्टी से जोड़ा जाए। भाजपा की केंद्र व प्रदेश सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं। भाजपा इन सरकारी योजनाओं को हर व्यक्ति तक पहुंचाना चाहती है। पिछले चुनाव की बात करें तो अनुसूचित जाति व अल्पसंख्यक बहुल बूथों में भाजपा सेंध लगाना चाहती है। अब देखना यह है कि इस चुनाव में भाजपा इस वोट बैंक पर कितना प्रभाव डालकर मूड बदल सकती है।

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