भाजपा के ब्रह्मास्त्र से विपक्ष की तिकड़म धराशायी
शतरंज जंग और सियासत के दाव लगभग एक जैसे हैं। इन दावों में सामने वाले को पटकनी दी जा रही है।
जासं, हाथरस : शतरंज, जंग और सियासत के दाव लगभग एक जैसे हैं। इन दावों में सामने वाले को पटखनी देने के लिए साम, दाम, दंड व भेद की राजनीति भी होती है। आजकल जनपद की सियासत में ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी कब्जाने के लिए भाजपा ने सीमा उपाध्याय और बागियों को शामिल कर विपक्ष पर ऐसा ब्रह्मास्त्र चला है कि उनके सारे गणित गड़बड़ा गए हैं। रामवीर परिवार के पार्टी में आने से जनपद जिले में भाजपा की राजनीतिक ताकत और मजबूत हुई है।
एक महीने में बदली सियासत की तस्वीर : भाजपा ने जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में रामवीर उपाध्याय के परिवार से उनके अनुज मुकुल उपाध्याय की पत्नी ऋतु उपाध्याय को वार्ड 14 से समर्थित प्रत्याशी बनाया था। यहां तक कि रामवीर उपाध्याय के बेटे चिरागवीर उपाध्याय और डा. अविन शर्मा सहित 11 लोगों को बागी मानते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया था, लेकिन चुनाव परिणाम देखकर हालात बदलने शुरू हो गए। हाईकमान ने बागियों और निर्दलीयों के सहारे जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने के लिए हरी झंडी दे दी। इसके साथ ही रामवीर परिवार को जोड़कर जनपद में ताकत बढ़ाई है। भाजपा के पास सांसद राजवीर दिलेर के अलावा सिकंदराराऊ से विधायक वीरेंद्र राणा और हाथरस सदर से विधायक हरीशंकर माहौर की ताकत पहले से है। सादाबाद से विधायक रामवीर उपाध्याय हैं। अब भाजपा जिला पंचायत अध्यक्ष की प्रभावशाली सीट को अपने कब्जे में करना चाहती है।
नवनिर्वाचित सदस्यों की स्थिति : भाजपा के पास नवनिर्वाचित सदस्यों में पांच सदस्य हैं। जबकि सपा के पास चार, रालोद के पास तीन व बसपा के दो सदस्य हैं। अब सीमा उपाध्याय भाजपा में शामिल हो गई हैं। इसके अलावा 10 सदस्य निर्दलीय हैं। सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि भाजपा बिना निर्दलीयों के जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी नहीं हासिल कर सकती है।