बड़ी ग्राम पंचायत को बड़ी उम्मीदें
उम्मीदें प्रधान से आसान नहीं है बिसावर की समस्याओं का हल कराना
संसू, हाथरस : बिसावर में नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों ने विजय का जश्न मना लिया, अब बारी है गांव की समस्याओं से सामना करने का। मतदाताओं से जो वादे किए हैं, ग्रामीण अब उसका तगादा करने लगे हैं। बिसावर बड़ी ग्राम पंचायत है। इसमें कई गांव हैं और हर गांव की अलग समस्याएं हैं। चुनाव वादे पूरे करना बहुत आसान नहीं होगा।
जिले की सबसे बड़ी पंचायत बिसावर को बड़े पैमाने पर विकास की दरकार है। पंचायत के 18 गांवों के मतदाताओं ने अपना फैसला सुना दिया, अब बारी है नव निर्वाचित प्रधान की। बिसावर पंचायत में आजादी से अब तक सामान्य या बीसी के ही प्रधान रहे हैं। यहां की जनसंख्या 19623 कुल परिवार 3211 हैं। पंचायत में बिसावर, नगला छत्ती, विधिपुर, टिकैत, गढ़ी खमानी, नगला धोकला, नगला बक्सा, नगला राजा, तिल्हु, चहत्तर, नगला मदारी, नगला शेखा, नगला शीशों, नगला पृथ्वी नामक गांव शामिल हैं। पूर्व प्रधानों ने बहुतेरी समस्याओं को दूर किया, लेकिन तमाम चुनौतियां अब भी हैं। प्रमुख समस्या जल निकासी, पोखर ओवरफ्लो होने से सड़कों पर जलभराव का है। अधिकांश गांवों में बंदरों का आतंक है। सैकड़ों व्यक्ति बंदरों के कारण छत से गिर कर घायल हो चुके हैं।
बड़ी जरूरतें : युवाओं के लिए खेलकूद का मैदान, कई सड़कों के किनारे नाली नहीं बनी है, इससे सड़कों पर जलभराव होता है। जगह-जगह डस्टबिन की आवश्यकता है। तमाम गलियां रात में अंधेरे में डूबी रहती हैं। स्ट्रीट लाइट लगवानी पड़ेगी। मुख्य चौराहे पर बड़ी लाइट की आवश्यकता है। बिसावर क्षेत्र में चांदी के घुंघरू बनाने के बहुतेरे उद्योग हैं। पुलिस चौकी स्थापित है, जिस पर कुछ पुलिसकर्मी रहते हैं। थाना प्रस्तावित है, मगर शासन से पत्राचार करके थाने का निर्माण कराना होगा। जनप्रतिनिधि होने से प्रधान की यह भी जिम्मेदारी बनती है। वर्जन --
शपथ लेने के उपरांत जल्द से पंचायत की सबसे बड़ी समस्या जल निकासी, जलभराव से पंचायत वासियों को राहत दिलाने का कार्य करूंगी।
-रेखा जगवेंद्र चौधरी, प्रधान, बिसावर।