फेसबुक वाली गर्लफ्रेंड से सावधान!
लड़कियों के नाम पर फेक आइडी बना हनी ट्रैप में फंसा रहे ब्लैकमेलर साइबर क्राइम।
हिमांशु गुप्ता, हाथरस : फेसबुक पर अनजान लोगों से दोस्ती भारी पड़ सकती है। हाथरस के 19 लोग ऐसे ही साइबर क्राइम का शिकार हो चुके हैं। लड़कियों के नाम की फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्स्वीकार कर उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है। दोस्ती के बाद अश्लील चैट और वीडियो काल का स्क्रीन शाट लेकर ब्लैकमेल किया जा रहा है। पीड़ितों में प्रतिष्ठित व्यापारी, बड़े परिवारों के युवा और कुछ छात्र भी शामिल हैं। इस संबंध में पुलिस से शिकायत की गई हैं। केस-1
हाथरस सदर कोतवाली क्षेत्र के एक व्यापारी ने पुलिस से शिकायत की है कि उसके पास युवती के नाम से फ्रेंड रिक्वेस्ट आई। दोस्ती के बाद दोनों में बातचीत का सिलसिला बढ़ा। एक दिन युवती ने वीडियो काल की और अश्लील हरकत शुरू कर दी। इसी दौरान स्क्रीन शाट ले लिया। कुछ देर बाद उसने स्क्रीन शाट उनके पास भेजा। धमकी दी कि रुपये नहीं दिए तो उन्हें टैग कर फेसबुक पर अपलोड कर दिया जाएगा। वह 25 हजार रुपये उसके बताए एकाउंट में भेज चुके हैं। फिर से पैसे की डिमांड कर रहे हैं। केस-2
कोतवाली हाथरस गेट क्षेत्र निवासी कारोबारी के बेटे के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। उसने पुलिस को बताया कि मैसेंजर पर उसकी एक युवती से चैटिग शुरू हुई। एक दिन उसने काल करके अश्लील हरकत शुरू कर दी। इसके बाद स्क्रीन शाट लेकर ब्लैक मेल करना शुरू कर दिया है। वह 10 हजार रुपये साइबर ठगों को दे चुका है। केस-3
सासनी कोतवाली क्षेत्र निवासी 18 वर्षीय छात्र ने भी पुलिस से शिकायत की है। उसने बताया कि मैसेंजर पर एक युवती ने उससे बातचीत शुरू की। उससे वाट्सएप नंबर ले लिया। एक दिन अचानक उसके पास अनजान नंबर पर वीडियो काल आई। उसने रिसीव की तो सामने एक युवती अश्लीलता कर रही थी। वह कुछ समझ पाता इससे पहले ही स्क्रीन रिकार्ड कर ली। अब वह ब्लैकमेल कर रुपयों की मांग कर रही है। ------------------- ओटीपी-पासवर्ड पूछकर ठगी
जिले में 68 लोग आनलाइन ठगी का शिकार हो चुके हैं। बैंक खाता, ओटीपी और पासवर्ड पूछकर हजारों रुपये खाते से गायब कर दिए गए। पुलिस ने ऐसे कई मामलों में रुपयों की वापसी कराई है। जनवरी से अब तक 12 लाख 34 हजार रुपये लोगों के वापस कराए जा चुके हैं। राजस्थान में सक्रिय हैं कई साइबर गैंग
स्थानीय लोगों से ठगी, हनीट्रैप के मामले में पुलिस ने छानबीन की तो कई लोगों की धनराशि वापस भी कराई। पड़ताल में सामने आया है कि ऐसे ठगी करने वाले गैंग ज्यादातर राजस्थान के अलवर, भरतपुर और अन्य जनपदों में सक्रिय हैं। यह बरतें सावधानी
-फेसबुक या किसी भी प्लेटफार्म पर अनजान लोगों की दोस्ती न स्वीकार करें।
-अनजान नंबर की वीडियो काल भी रिसीव न करें।
-बैंक संबंधित जानकारी किसी से भी शेयर न करें।
-फेसबुक एकाउंट पर सिक्योरिटी लाक लगाकर रखें। इनका कहना है
साइबर क्राइम को लेकर बेहद सतर्कता की जरूरत है। इंटरनेट मीडिया पर अनजान लोगों से दोस्ती कतई न करें। बैंक संबंधी जानकारी किसी को भी साझा न करें। कोई भी बैंक एटीएम पिन, सीवीवी कोड नहीं मांगती है। सावधानी ही साइबर क्राइम से बचाव है।
-विनीत जायसवाल, हाथरस