कैंसर पर भ्रांतियों व खतरों से किया आगाह

रविवार को हाथरस पुलिस फेमिली वेलफेयर एसोसिएशन वामा सारथी के तत्वावधान में पुलिस लाइंस में विश्व लंग्स कैंसर दिवस पर पुलिस परिवारों एवं कर्मियों को कैंसर को लेकर फैली भ्रांतियों व खतरों के प्रति आगाह किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 12:50 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 12:50 AM (IST)
कैंसर पर भ्रांतियों व खतरों से किया आगाह
कैंसर पर भ्रांतियों व खतरों से किया आगाह

संस, हाथरस : रविवार को हाथरस पुलिस फेमिली वेलफेयर एसोसिएशन 'वामा सारथी' के तत्वावधान में पुलिस लाइंस में विश्व लंग्स कैंसर दिवस पर पुलिस परिवारों एवं कर्मियों को कैंसर को लेकर फैली भ्रांतियों व खतरों के प्रति आगाह किया गया।

पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन 'वामा सारथी' की कार्यशाला में जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों की टीम ने जागरूक किया। कार्यशाला में प्रतिसार निरीक्षक बिहारी सिंह यादव, डा. वरुण चौधरी, डा. मयंक बंसल एवं पुलिसकर्मी व उनके परिवारीजन मौजूद रहे।

चिकित्सकों ने कहा कि समय रहते कैंसर की पहचान कर ली जाए तो उसका उपचार संभव हो जाता है। लोग इस बीमारी, इसके लक्षणों और इसके भयावह खतरे के प्रति जागरूक रहें। कैंसर कई तरह के होते हैं, लेकिन जो केस सबसे ज्यादा सामने आते हैं उनमें स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, पेट का कैंसर, ब्लड कैंसर, गले का कैंसर, गर्भाशय का कैंसर, अंडाशय का कैंसर, प्रोस्टेट (पौरुष ग्रंथि) कैंसर, मस्तिष्क का कैंसर, लिवर (यकृत) कैंसर, बोन कैंसर, मुंह का कैंसर और फेफड़ों का कैंसर शामिल है। स्तनपान का महत्व समझा रहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

संस, हाथरस : मां का दूध बच्चे के लिए अमृत के समान है। स्तनपान से बच्चे के साथ मां को भी कई प्रकार के शारीरिक और मानसिक फायदे होते हैं। विश्व स्तनपान सप्ताह 1-7 अगस्त के पहले दिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर माताओं को यह संदेश दे रही हैं।

महिलाओं को बताया जा रहा है कि बच्चे को जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान आवश्यक है, क्योंकि इस दौरान बच्चा अत्यधिक सक्रिय रहता है और आसानी से स्तनपान की शुरुआत कर लेता है। जन्म के एक घंटे के बाद बच्चा थक कर सोने लगता है और फिर स्तनपान की शुरुआत में कठिनाई उत्पन्न होती है। बच्चे के उचित शारीरिक विकास के लिए कम से कम छह माह तक बच्चे को केवल मां का दूध दिया जाना आवश्यक होता है। इस दौरान बाहर का दूध अथवा ऊपरी आहार, शहद, घुट्टी या टॉनिक बच्चे की आंतों में इन्फेक्शन पैदा करता है। जिससे बच्चे को दस्त होने लगती है और बच्चा कुपोषित हो जाता है । विश्व स्तनपान दिवस पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दयानतपुर की रेनू रावत ने गर्भवती धात्री माताओं की बैठक कर स्तनपान के बारे में समझाया। जिला महिला अस्पताल के सीएमएस डा.रूपेंद्र गोयल का कहना है कि शिशु को जन्म के एक घंटे के अंदर माँ का पीला गाढ़ा दूध पिलाना इसलिए भी जरूरी होता है क्योंकि वही बच्चों की बीमारियों से रक्षा कर सकता है।

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