बदहाल पीएचसी, खून की जांच के भी इंतजाम नहीं

एएनएम कराती हैं डिलीवरी फार्मासिस्ट और वार्ड ब्वॉय की भी तैनाती नहीं है पीएचसी में नगला वीर सहाय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल बेहतर सुविधाएं न मिलने से ओपीडी में 20-25 लोग ही आते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 29 May 2021 04:43 AM (IST) Updated:Sat, 29 May 2021 04:43 AM (IST)
बदहाल पीएचसी, खून की जांच के भी इंतजाम नहीं
बदहाल पीएचसी, खून की जांच के भी इंतजाम नहीं

संसू, हाथरस : पुरदिलनगर में कोरोना की दूसरी लहर में भी ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में कोई सुधार नहीं दिख रहा है। गांवों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्राथमिक उपचार की जरूरत भी पूरी नहीं कर पा रहे हैं। इलाज की बात दूर, मरहम-पट्टी तक नहीं होती है। महिला चिकित्सक न होने से महिलाओं का प्रसव भी एएनएम ही कराती हैं। दवा देने के लिए फार्मासिस्ट के अलावा खून की जांच के लिए पैथोलॉजिस्ट भी नहीं है। मजबूरी में लोग झोलाछापों के यहां इलाज कराने को मजबूर होते हैं। दैनिक जागरण की टीम ने शुक्रवार को नगला वीर सहाय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य का जायजा लिया तो कुछ ऐसा हाल सामने आया।

ये हैं हाल : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 10 किलोमीटर क्षेत्र के गांवों के लोग निर्भर हैं। स्टाफ के नाम पर दो चिकित्सक, एक एएनएम वार्ड ब्वॉय व स्वीपर हैं। यहां एक पैथोलॉजिस्ट व एक फार्मासिस्ट की भी तैनाती थी, कितु दो बर्ष पूर्व उनका स्थानांतरण हो जाने पर किसी अन्य की तैनाती नहीं की गई। यहां पर तैनात वार्ड ब्वाय कभी भी समय से चिकित्सालय नहीं आते हैं। मरहम-पट्टी का कार्य भी यहां नहीं होता है। असुविधाओं के कारण ही ओपीडी चलती है तो बमुश्किल 20-25 मरीज आते हैं। फार्मासिस्ट न होने पर चिकित्सक ही खुद दवा देते हैं। खून की जांच बाहर प्राइवेट लैब से करानी पड़ती है। यहां जच्चा बच्चा केंद्र की बिल्डिग जर्जर है। भय के कारण एएनएम चिकित्सालय के वार्ड में डिलीवरी कराती हैं। परिसर में लगा हैंडपंप भी कई बर्ष से खराब है और झाड़ियों के बीच में है।

आवासों के नहीं खुले ताले : इस परिसर मे बने चिकित्सक व कर्मचारियों के आवासों के आज तक ताले भी नहीं खुले हैं, जिससे वह जर्जर होते जा रहे हैैं। बोले ग्रामीण

स्वास्थ्य केंद्र में खून की जांच के इंतजाम नहीं है। काफी बड़े इलाके में होने के कारण यहां पर एक्सरे की व्यवस्था होनी चाहिए। मरीजों को प्राइवेट में महंगा इलाज कराना पड़ता है।

-अशोक कुमार शर्मा सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर देती है मगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सुविधाएं दिखाई नहीं देती हैं। आखिर यह पैसा जाता कहा हैं।

-अनुज भारद्वाज वर्जन --

महिला चिकित्सक की कमी है। चिकित्सालय में फार्मासिस्ट व खून की जांच के लिए एलटी की कमी है। पानी के लिए दो हैंडपंप हैं मगर बाहर लगा हैंडपंप खराब है।

डॉ. आरके वर्मा, एमओआइसी हसायन

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