दूसरे दिन भी नहीं चलीं एंबुलेंस, चरमराई व्यवस्था

कई मांगों को लेकर हड़ताल पर एंबुलेंस कर्मचारी जिले में संचालित है 41 एंबुलेंस।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 04:04 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 04:04 AM (IST)
दूसरे दिन भी नहीं चलीं एंबुलेंस, चरमराई व्यवस्था
दूसरे दिन भी नहीं चलीं एंबुलेंस, चरमराई व्यवस्था

संवाद सहयोगी, हाथरस : स्वास्थ विभाग में संविदा पर तैनात एंबुलेंस कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर दूसरे दिन मंगलवार को भी हड़ताल पर रहे। मंडी परिसर में एंबुलेंस खड़ी कर प्रदर्शन किया। कर्मचारियों की हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। मरीजों को तीमारदार निजी साधनों से जिला अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तक लेकर आ रहे हैं। यदि समय रहते एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल खत्म नहीं हुई तो हालात और खराब हो सकते हैं।

अपनी विभिन्न मांगों को लेकर तीन दिन तक जिला अस्पताल परिवार में एंबुलेंस कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन किया था। सोमवार से एंबुलेंस संचालन रोककर मंडी समिति में प्रदर्शन कर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी। मंगलवार को दूसरे दिन भी हड़ताल जारी रही। कर्मचारियों के दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहने से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुंईं। एएलएस एंबुलेंस कर्मचारियों का कहना था कि कंपनी बदलने पर उन्हें न हटाया जाए। महामारी के दौरान अग्रणी भूमिका निभा रहे कर्मचारियों को ठेकेदारी से मुक्ति दी जाए। कोरोना महामारी के दौरान मारे गए कर्मचारियों के परिवार को आर्थिक सहायता राशि दी जाए। सभी एंबुलेंस कर्मचारियों को नेशनल हेल्थ मिशन के अधीन नहीं किया जाता, तब तक प्रतिवर्ष महंगाई भत्ता भी दिया जाए। निजी एंबुलेंस संचालकों

की मनमानी जारी रही

लगातार दूसरे दिन मरीजों को सुबह से ही परेशानियों का सामना करना पड़ा। तमाम मरीज उपचार कराने के लिए अपने वाहनों से जिला अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचे। एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल का सबसे अधिक फायदा निजी एंबुलेंस चालकों ने उठाया। मरीजों को जिला अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तक लाने के लिए मनमाना किराया वसूला। ------------

केस नंबर एक

मंगलवार दोपहर को कोतवाली सदर के मोहल्ला पीपल चौक में युवक कासिम पेड़ काट रहा था। अचानक वह सिर के बल जमीन पर आ गिरा। स्वजन ने एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन बात नहीं हुई। एक राहगीर हाथठेला लेकर वहां से गुजर रहा था। उसने घायल युवक को हाथठेले पर जिला अस्पताल पहुंचाया। केस नंबर दो

नगला अलगर्जी निवासी सात वर्षीय वरुण मंगलवार सुबह पड़ोसी के घर खेल रहा था, तभी कूलर में आ रहे करंट से बालक झुलस गया। स्वजन ने एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन एंबुलेंस के न आने पर स्वजन बालक को मोटर साइकिल से जिला अस्पताल लेकर आए। केस नंबर तीन

कस्बा मेंडू निवासी राजेश्वरी मंगलवार दोपहर को किसी काम से हाथरस आ रही थीं। बिजली काटन मिल पर वह खड़ी थीं, तभी चक्कर आने से बेहोश हो गईं। स्थानीय लोगों ने एंबुलेंस को फोन किया, एंबुलेंस के न आने पर एक ई-रिक्शा चालक महिला को जिला अस्पताल लेकर आया। केस नंबर चार

सिकंदराराऊ के गांव फरीदाबाद निवासी मोनी पत्नी रमन यादव को प्रसव पीड़ा होने पर स्वजन ने एंबुलेंस को कॉल किया। हड़ताल के कारण कर्मचारी एंबुलेंस लेकर नहीं पहुंचा। स्वजन ई-रिक्शा से ही गांव से अस्पताल लेकर आए। प्रसव होने के बाद स्वजन महिला और उसके नवजात को ई रिक्शा से ही वापस ले गए।

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