उर्वरकों की कमी पूरी करने में पसीना छोड़ रहा कृषि विभाग

कृषि विभाग रासायनिक खाद की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं करा पा रहा है। खाद की कमी पूरी करने के लिए कृषि विभाग के अफसर परेशान हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 03:00 AM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 03:00 AM (IST)
उर्वरकों की कमी पूरी करने में पसीना छोड़ रहा कृषि विभाग
उर्वरकों की कमी पूरी करने में पसीना छोड़ रहा कृषि विभाग

जागरण संवाददाता, हाथरस : कृषि विभाग रासायनिक खाद की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं करा पा रहा है। खाद की कमी पूरी करने के लिए कृषि विभाग के अफसर परेशान हैं। विभाग की मानें तो अभी सहकारी समितियों पर खाद नहीं है, जबकि दुकानों पर खाद उपलब्ध है। मार्च तक 45 हजार एमटी खाद की जरूरत है जबकि 22 हजार एमटी खाद मौजूद है।

नवंबर के शुरुआती दिनों में सहकारी समितियों पर खाद के लिए कई दिन तक मारामारी रही थी। किसानों को निजी दुकानों से ऊंचे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर होना पड़ा।

खाद की जरूरत अभी भी बनी हुई है। मार्च तक बनी रहेगी। कृषि विभाग के अफसरों की मानें तो मार्च तक 45 हजार एमटी खाद की जरूरत है मगर अभी विभाग के पास 22 हजार एमटी खाद ही मौजूद है। सहकारी समितियों पर खाद की किल्लत है। दुकानों पर औचक निरीक्षण

डीएपी व यूरिया की कालाबाजारी रोकने के लिए जिला कृषि अधिकारी आरके सिंह एवं जिला कृषि रक्षा अधिकारी राजेश कुमार ने संयुक्त रूप से सादाबाद क्षेत्र में उर्वरक एवं बीज की दुकानों का निरीक्षण किया। सभी जगह यूरिया की उपलब्धता पाई गई। बीज विक्रेताओं के यहां से गेहूं बीज के तीन नमूने लिए गए। राजकीय कृषि बीज भण्डार, सादाबाद का भी निरीक्षण किया गया। 21 संविदा कर्मियों को चार माह से नहीं मिला मानदेय संवाद सहयोगी, हाथरस : समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत जनपद में जिला परियोजना कार्यालय तथा विकास खंड स्तर पर आउट सोर्सिंग से कार्यरत कार्मिकों को चार माह से मानदेय नहीं मिला है। इससे संविदा कर्मचारी आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं। शनिवार को संविदा कर्मचारी एकत्रित होकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। कार्यालय पर अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दिया।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय व ब्लाक संसाधन केंद्रों पर आउट सोर्सिंग के जरिए कंप्यूटर आपरेटर व लेखाकारों की नियुक्ति संविदा पर हुई है लेकिन इस बार संस्था का चयन न होने के कारण आउट सोर्सिंग संस्था से कार्यरत कार्मिक परेशान हैं। मानदेय प्राप्त न होने के कारण जीविकोपार्जन करने में बाधा आ रही है। वे बच्चों की स्कूल फीस भी नहीं भर पा रहे हैं। एक संविदा कर्मी ऐसा भी है, जिसकी दोनों किडनियों में परेशानी है व प्रत्येक सप्ताह दो बार डायलिसिस करानी पड़ती है। बीएसए के आश्वासन के आलोक में समस्त आउट सोर्सिंग कार्मिक अभी भी अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। कई कार्मिक नहीं आ रहे काम पर

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के यहां कंप्यूटर आपरेटर व लेखाकार करीब एक माह से मानदेय न मिलने के कारण काम पर नहीं आ रहे। मानदेय कर्मियों की अनुपस्थिति की वजह से कार्यालय का कामकाज प्रभावित हो रहा है। संविदा कर्मचारियों ने अपनी शिकायत लखनऊ में बैठे परियोजना अधिकारी के समक्ष पहुंचा दी है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ।

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