टीईटी के बाद बीएड पास अभ्यर्थियों में जगी आस

-वर्ष 2012 के बाद प्राथमिक स्तर की परीक्षा से रहे थे वंचित -इस बार मौका मिलने के बाद जगी है शिक्षक बनने की उम्मीद

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 11:59 PM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 11:59 PM (IST)
टीईटी के बाद बीएड पास  अभ्यर्थियों में जगी आस
टीईटी के बाद बीएड पास अभ्यर्थियों में जगी आस

संवाद सहयोगी, हाथरस : जिले में हजारों बीएड बेरोजगार पिछले कई साल से नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे थे। इस बार प्रदेश सरकार ने प्राथमिक स्तर की शिक्षक पात्रता परीक्षा में उनके लिए छूट दिए जाने के बाद उनमें नौकरी की आस जग गई है। रविवार को परीक्षा देने के बाद बीएड पास अभ्यर्थियों के चेहरे खिले हुए थे।

पिछले कई साल से बीएड पास अभ्यर्थी प्राइवेट स्कूलों में अपनी सेवा देने के बाद सरकारी नौकरी की आस कर रहे थे, लेकिन उत्तर प्रदेश पात्रता परीक्षा में उन्हें मौका नहीं मिल रहा था। इसके कारण योग्य होने के बाद भी वे अपने आपको उपेक्षित महसूस कर रहे थे। समाजवादी पार्टी की सरकार में बीएड पास अभ्यर्थियों को वित्तविहीन विद्यालयों में मानदेय शिक्षक के रूप में तैनाती मिल गई। लेकिन प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद मानदेय खत्म कर दिया गया। इस साल आयोजित हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा में बीएड पास अभ्यर्थियों को प्राथमिक स्तर की परीक्षा देने का मौका मिला। रविवार को प्रथम पाली की परीक्षा देने के बाद कई बीएड पास अभ्यर्थियों ने बताया कि परीक्षा काफी अच्छी हुई है। अब सहायक अध्यापक की लिखित परीक्षा की तैयारी में अभी से जुट जाएंगे। क्योंकि जो यह मौका मिला है शायद आगे न मिले। शिक्षामित्रों ने भी दी परीक्षा

जिले से एक हजार से अधिक शिक्षामित्रों का समायोजन करने के बाद सहायक अध्यापक का दर्जा दिया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दर्जा छिन जाने के बाद मूल पद पर शिक्षामित्र लौट गए। अब शिक्षक पात्रता परीक्षा के जरिए ही सहायक अध्यापक का दर्जा लिखित परीक्षा पास करने के बाद शिक्षामित्रों को मिलेगा। रविवार को परीक्षा केंद्रों पर शिक्षक पात्रता परीक्षा देते हुए शिक्षामित्र दिखाई दिए।

chat bot
आपका साथी