बूलगढ़ी कांड में हुई वर्चुअल सुनवाई

बूलगढ़ी कांड में सोमवार को विशेष न्यायालय एससी-एसटी अधिनियम में वर्चुअल सुनवाई हुई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 01:23 AM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 01:23 AM (IST)
बूलगढ़ी कांड में हुई  वर्चुअल सुनवाई
बूलगढ़ी कांड में हुई वर्चुअल सुनवाई

जासं, हाथरस : बूलगढ़ी कांड में सोमवार को विशेष न्यायालय एससी-एसटी अधिनियम में वर्चुअल सुनवाई हुई। कोरोना संक्रमण के चलते चारों आरोपितों की आनलाइन ही पेशी हुई। अब इस मामले में अगली सुनवाई 24 मई को होगी।

बूलगढ़ी में 14 सितंबर 2020 को जानलेवा हमला हुआ था। इस मामले में गांव के ही चार आरोपित संदीप, रवि, रामू और लवकुश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। युवती के बयान के आधार पर आरोपितों के नाम और धाराएं बढ़ाए गए। 29 सितंबर को युवती की मौत के बाद देशभर में प्रदर्शन हुए। सीबीआइ ने मामले की जांच की और 67 दिन बाद विशेष न्यायालय एससी-एसटी एक्ट में चार्जशीट दाखिल की। इस मामले में अब तक विवेचक क्षेत्राधिकारी समेत पुलिसकर्मियों, अलीगढ़ के मेडिकल कॉलेज के स्टाफ, मृतका के स्वजन समेत 20 से अधिक लोगों के बयान हो चुके हैं। कोरोना के चलते अब वीडियो कांफ्रेंसिग से सुनवाई की जा रही है। सोमवार को चारों आरोपितों की वर्चुअल पेशी के बाद न्यायालय ने अगली तिथि 24 मई तय की। आत्महत्या के मामले में पत्नी के खिलाफ रिपोर्ट

संसू, सासनी : क्षेत्र के गांव बाधनू में शुक्रवार को घरेलू कलह में गोली मारकर जान देने वाले युवक के भाई की तहरीर पर पुलिस ने मृतक की पत्नी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की रिपोर्ट दर्ज की है।

गांव बाधनू निवासी 32 वर्षीय चंद्रशेखर उर्फ हरिओम पुत्र नरोत्तम सिंह का पत्नी गीता से अनबन रहती थी। विवाद के कारण चंद्रशेखर मानसिक तनाव में था। मरने से एक दिन पहले भी पति-पत्नी के मध्य विवाद होने की चर्चा है। शुक्रवार की सुबह शौच को जाते समय खेतों में चंद्रशेखर ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। मृतक के भाई कुंवरपाल ने अपनी भाभी गीता के विरुद्ध तहरीर थाने में दी थी। मृतक की जेब में मिले सुसाइड नोट में भी पत्नी पर तंग करने का आरोप लगाया है। तहरीर के आधार पर पुलिस ने उसकी पत्नी गीता देवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। सात विचाराधीन बंदी

अंतरिम जमानत पर रिहा

जासं, हाथरस : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव चेतना सिंह के अनुसार कारागार अलीगढ़ से वीडियो कांफ्रेसिग के माध्यम से जुड़ने के बाद डा. लकी, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सादाबाद ने 07 विचाराधीन बंदियों को 60 दिन की अंतरिम जमानत पर रिहा किया।

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