जिले में 104 फीसद हुई गेहूं की खरीद

गेहूं खरीद के अंतिम दिन रहा अव्यवस्थाओं का बोलबाला पहले अपना गेहूं बेचने के लिए किसानों में होती रही मारा-मारी पूरे समय किसानों के लिए समस्या बनी रही बारदाना की कमी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 04:12 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 04:12 AM (IST)
जिले में 104 फीसद हुई गेहूं की खरीद
जिले में 104 फीसद हुई गेहूं की खरीद

संवाद सहयोगी, हाथरस : क्रय केंद्रों पर मंगलवार की शाम को गेहूं खरीद बंद कर दी गई। अंतिम दिन तक करीब 60700 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई जो लक्ष्य से 104 फीसद है। खरीद बंद होने पर कई किसानों को अपना गेहूं क्रय केंद्रों से वापस ले जाना पड़ा। क्रय केंद्रों पर पसरी रही अव्यवस्थाओं को लेकर किसानों में भारी आक्रोश देखा गया।

जिले में किसानों को राहत देने के लिए उनका गेहूं समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति क्विटल के हिसाब से खरीदा गया। इसके लिए जिले में 54 क्रय केंद्र बनाए गए थे। यह खरीद एक अप्रैल से शुरू हुई थी, जो 15 जून तक निर्धारित थी। अंतिम दिन तक सभी क्रय केंद्रों पर करीब 60,700 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई। इसके लिए लक्ष्य 57,900 मीट्रिक टन निर्धारित किया गया था। पिछली बार 52,000 एमटी ही गेहूं की खरीद हुई थी। इस बार 104 फीसद गेहूं क्रय केंद्रों पर खरीदा गया।

जिले में गेहूं की खरीद में शुरू से ही अव्यवस्थाएं हावी रहीं। बारदाने की कमी को अधिकारी अंतिम समय तक पूरा नहीं कर पाए। अंतिम दिन अधिक आवक वाले क्रय केंद्रों पर 600 क्विटल से घटाकर खरीद 300 क्विटल ही की गई। लक्ष्य पूरा होने के बाद क्रय केंद्रों पर खरीद शाम 6 बजे के बाद बंद करा दी गई।

सिकंदराराऊ : क्षेत्र के ग्राम सुजावलपुर, कपसिया, मऊ चिरायल की समितियों पर बारदाना की कमी बनी रही। यहां पर शाम तक किसान गेहूं से लदी ट्रैक्टर ट्रालियां लेकर जमे हुए थे। समिति के अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया बोरों की कमी के चलते किसानों का गेहूं नहीं खरीदा गया। समय नहीं बढ़ने से किसानों को अब उचित मूल्य नहीं मिल पाएगा। गेहूं लेकर घर लौटे किसान

संसू, सादाबाद/पुरदिलनगर/सासनी : जिले में कई क्रय केंद्रों पर सुबह से ही गेहूं से लदी ट्रैक्टर ट्राली की कतार लगी हुई थी। शाम तक गेहूं नहीं बिकने पर मायूस होकर तमाम किसान अपना गेहूं वापस ले जाने के लिए बाध्य हुए। सादाबाद, पुरदिलनगर व सासनी क्षेत्र के कई क्रय केंद्रों से गेहूं किसानों को घर ले जाना पड़ा। इनका कहना है

सरकार समर्थन मूल्य पर गेहूं तो खरीदती है पर अव्यवस्थाएं हावी होने से इसका लाभ किसानों को नहीं मिल पाता। इस बार भी समस्याओं का सामना किसानों को करना पड़ा।

-कुमरपाल सिंह, किसान सिकतरा कई दिन से गेहूं लेकर क्रय केंद्र पर पड़े हुए थे। बारदाना की समस्या अंत तक दूर नहीं हुई। मजबूरी में गेहूं को घर लौटाकर ले जाना पड़ रहा है। इसके लिए सरकार जिम्मेदार है।

- गीतम सिंह, किसान बाड़ी गेहूं खरीदने के लिए पंजीकरण, टोकन जैसी दिक्कतें खड़ी की जाती हैं। उसके बाद भी बेचारे किसान को सिर्फ धोखा ही मिलता है। बड़े बड़े दावे भी सरकारी तंत्र के आगे फेल हो जाते हैं।

-तोताराम, किसान शीतलबाड़ा अंतिम दिन तक 104 फीसद गेहूं की खरीद हो गई। बारदाने की कमी के चलते किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अब जो भी सरकार का आदेश होगा उसका पालन किया जाएगा।

- राजेश सिंह, विपणन अधिकारी

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