प्रशिक्षण के लिए मेरठ व कानपुर गए 100 किसान

किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि विभाग उन्हें उन्नत खेती के लिए प्रेरित कर रहा है। जिले के करीब सौ किसानों को मेरठ व कानपुर में खेती के आधुनिक तरीके सीखने के लिए सोमवार को बसों से भेजा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 02:57 AM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 02:57 AM (IST)
प्रशिक्षण के लिए मेरठ व  कानपुर गए 100 किसान
प्रशिक्षण के लिए मेरठ व कानपुर गए 100 किसान

संस, हाथरस : किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि विभाग उन्हें उन्नत खेती के लिए प्रेरित कर रहा है। जिले के करीब सौ किसानों को मेरठ व कानपुर में खेती के आधुनिक तरीके सीखने के लिए सोमवार को बसों से भेजा।

कृषि विभाग की ओर से किसानों को अब देखो, सीखो व करो की तर्ज पर खेती के आधुनिक तौर तरीके सिखाए जा रहे हैं। इसके लिए किसानों को चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय कानपुर भेजा गया है। वहां पर किसान दलहन व सब्जी अनुसंधान केंद्र में प्रशिक्षण लेंगे। वहीं कुछ किसान सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय मेरठ गए हैं। वहां किसान आलू अनुसंधान केंद्र में वैज्ञानिक विधि से खेती करने के तरीके सीखेंगे। दोनों बसों को हरी झंडी दिखाकर डीडी कृषि एचएन सिंह व सहायक योजना प्रभारी डॉ. हरिओम शर्मा ने रवाना किया। बिना नवीनीकरण कराए नहीं चला पाएंगे शीतगृह

जासं, हाथरस : जनपद के समस्त शीतगृहों में वर्ष-2021 का भंडारण 15 फरवरी 2021 से प्रारंभ हो जाएगा, इसलिए शीतगृह में आलू भंडारण करने से पूर्व शीतगृह लाइसेंस नवीनीकरण कराया जाना अनिवार्य है। जनपद के कई शीतगृह स्वामियों द्वारा वर्ष-2021 के नवीनीकरण के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराते हुए आवश्यक अभिलेख ऑॅफलाइन कार्यालय में जमा नहीं किए गए हैं। जिला उद्यान अधिकारी गमपाल सिंह ने कहा है कि 28 जनवरी तक पंजीकरण न कराने पर शीतगृह स्वामी जिम्मेदार होंगे।

जिला उद्यान अधिकारी ने जनपद के शीतगृह स्वामियों से कहा है कि वर्ष-2021 के भंडारण सत्र से पूर्व नवीनीकरण के लिए जरूरी कागजात जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय में जरूर जमा करा दें। कहा गया है कि साफ-साफ भरा हुआ आवेदन पत्र जिसमें सभी सूचना स्पष्ट रूप से अंकित हों, लाइसेंस पुस्तिका मूल रूप में, नवीनीकरण शुल्क के लिए कोषागार में जमा किए गए चालान की मूल प्रति, भवन व मशीनरी शुद्धता प्रमाणपत्र संस्था के पंजीकृत अभियंता से जो कि सक्षम संस्था पंजीकृत हो उसकी निरीक्षण रिपोर्ट, गतवर्ष कराए गए भवन मशीनरी, स्टॉक, बीमा पॉलिसी, स्वीकृत विद्युत लोड की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए जनरेटर की उपलब्धता का प्रमाणपत्र आदि दस्तावेज के साथ आवेदन की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

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