महिला अस्पताल में आने वाले मरीजों की जेब होती ढीली
पीड़ित शिकायत के लिए अगर सीएमएस कक्ष तक पहुंचता भी है तो उन्हें गुमराह कर दिया जाता है
हरदोई : केस एक : शाहाबाद के मुहल्ला बाजिदखेल की नेहानाज का महिला अस्पताल में आपरेशन से प्रसव हुआ था। भर्ती से लेकर प्रसव तक में तीमारदार से रुपये लिए गए।
केस दो : मल्लावां के अटवा कुरसठ की साधना देवी गर्भवती हैं। वह महिला अस्पताल में नियमित टीकाकरण के लिए आई थी। टीकाकरण के लिए उनसे रुपये लिए गए।
महिला अस्पताल में परामर्श से लेकर प्रसव कराने तक में मरीजों और उनके तीमारदारों की जेब ढीली की जा रही है। पीड़ित शिकायत के लिए अगर सीएमएस कक्ष तक पहुंचता भी है तो उन्हें गुमराह कर दिया जाता है और वह परेशान होकर वापस लौट जाते हैं। खबर में दिए गए दो केस तो उदाहरण भर हैं, ऐसे मामले रोजाना सामने आते हैं। महिला अस्पताल में कहने को एक रुपये के पर्चे पर मरीजों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन अस्पताल में आने वाली महिलाओं से परामर्श के साथ ही प्रसव से लेकर डिस्चार्ज तक में रुपये लिए जा रहे हैं। अस्पताल के प्रत्येक कक्ष में अलग-अलग खर्चा तीमारदारों को देना पड़ता है, जब कोई तीमारदार नाराज होने लगता है तो उसे समझा बुझाकर शांत करा दिया जाता है। वहीं कई बार तीमारदार परेशान होकर शिकायत करना चाहते हैं तो उन्हें गुमराह कर वापस भेज दिया जाता है। सरकारी अस्पताल में आने वाली महिलाओं का निजी अस्पतालों की तरह ही खर्चा हो रहा है। इसके बावजूद जिम्मेदार मामले की जांच कर कार्रवाई करने की बात कहकर टाल देते हैं।
बोले जिम्मेदार : अस्पताल में रुपये लेने की अभी तक कोई शिकायत नहीं आई है, अगर शिकायत आती है तो मामले को संज्ञान में लेते हुए कार्रवाई की जाएगी।
डा. अमिताभ श्रीवास्तव, सीएमएस