स्टोरी ऑफ द डे: बीमा कंपनी मालामाल, किसान हलाल
हरदोई फसलों में हुए नुकसान की भरपाई के लिए वर्ष 2014 में शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बी
हरदोई : फसलों में हुए नुकसान की भरपाई के लिए वर्ष 2014 में शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से बीमा कंपनियां मालामाल हो रही है। कृषि विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो कंपनियों को किसानों से कई गुना फायदा पहुंच रहा है। हालात यह है कि फसलों का बीमा कराने के लिए किसानों की संख्या में लगातार कमी आ रही है।
रबी सीजन वर्ष 2019-20 में 38,082 किसानों का बीमा कराया गया, इन किसानों से साढ़े तीन करोड़ रुपये बीमा प्रीमियम जमा कराया गया। जबकि इतनी ही राशि राज्य व केंद्र सरकार ने प्रीमियम के रूप में जमा की। इनमें से महज 1,654 किसानों को फसल खराब होने पर मुआवजा दिया गया। खरीद सीजन वर्ष 2020 में बीमित किसानों की संख्या घटकर 36,664 रह गई। हालांकि खरीफ सीजन में अभी तक किसी को मुआवजा नहीं मिला है। किसान के साथ सरकार भी देती प्रीमियम राशि
केंद्र सरकार ने किसानों की आय दोगुना करने के लिए तमाम योजनाएं संचालित है। वहीं फसलों के नुकसान होने पर क्षतिपूर्ति के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई हैं। योजना के तहत किसानों को खरीफ सीजन में दो प्रतिशत प्रीमियम व रबी सीजन में डेढ़ प्रतिशत प्रीमियम देना होता है। इसी तरह आलू व आम के लिए प्रीमियम दर पांच प्रतिशत निर्धारित है। किसानों के साथ केंद्र व राज्य सरकार भी प्रीमियम भरती हैं।
यह है क्लेम का नियम
फसल प्राकृतिक आपदा, कीट व बीमारियों से नष्ट हो जाती है तो किसानों को 72 घंटे के अंदर इसकी जानकारी टोल फ्री नंबर 1800-8896-868 या 1800-2005-142 पर देनी होती है। इसके अलावा बैंक शाखा, बीमा कंपनी के प्रतिनिधि या कृषि विभाग को भी सूचना देना अनिवार्य है।
अधिकारी बोले रबी सीजन में जितने भी किसानों की फसल खराब हुई थी, उन्हें बीमा कंपनी द्वारा शत प्रतिशत क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया है। फसलों का बीमा कराना अब स्वैच्छिक है। जिन किसानों को फसल का बीमा कराना है, वह 31 दिसंबर तक जनसेवा केंद्र के माध्यम से बीमा करा सकते हैं।
-उमेश कुमार साहू, जिला कृषि अधिकारी