बुखार से दो बच्चों की मौत, अस्पताल में बढ़ी मरीजों की भीड़

बुखार का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। सोमवार की शाम से

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 10:40 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 10:40 PM (IST)
बुखार से दो बच्चों की मौत, अस्पताल में बढ़ी मरीजों की भीड़
बुखार से दो बच्चों की मौत, अस्पताल में बढ़ी मरीजों की भीड़

हरदोई : बुखार का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। सोमवार की शाम से मंगलवार तक बुखार से ग्रसित दो बच्चों की मौत हो गई थी। जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। ओपीडी में मरीजों की सुबह से ही लाइन लग जाती है।

बघौली क्षेत्र के ग्राम सेमरा खुर्द के महादेव के नौ वर्षीय बेटे नैमिष को बुखार आ रहा था। उन्होंने उसका इलाज कराया, जब कोई लाभ नहीं मिला तो बेटे को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां पर सोमवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। शाहाबाद के ग्राम तडेर के अरविद ने 11 वर्षीय पुत्री रिकी को बुखार आने पर अस्पताल में भर्ती कराया। सोमवार की शाम उसकी भी इलाज के दौरान मौत हो गई। मंगलवार को भी मरीजों की संख्या अधिक रही। जिला अस्पताल में करीब 1245 मरीजों के पर्चे बने। इनमें सबसे अधिक मरीज बुखार से पीड़ित थे। चिकित्सक कक्ष के बाहर घंटों मरीजों को परेशान होना पड़ा। इसके बाद दवा लेने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ा। फिजीशियन और बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाने के लिए तीमारदार एक-दूसरे पर चढ़े हुए थे।

भीड़ पर नहीं दिखा नियंत्रण : जिला अस्पताल में भीड़ पर नियंत्रण को लेकर अस्पताल प्रबंधन के सभी दावे फेल दिखे, इसमें जहां ओपीडी में लोग एक दूसरे पर चढ़े हुए देखे गए। वहीं चिकित्सकों को काम करने में भी परेशानी हुई। कोविड प्रोटोकाल तो दूर लोगों को भीड़ से निकलने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

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मरीजों की भीड़ बढ़ने से दिक्कत होती है, लेकिन चिकित्सक मरीजों को परामर्श दे रहे हैं और दवाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।

डा. जेएन तिवारी, सीएमएस -------------- प्रसूता की मौत, पति ने लगाया लापरवाही का आरोप हरियावां : आपरेशन के बाद प्रसूता की हालत बिगड़ गई। चिकित्सक ने प्रसूता को लखनऊ रेफर कर दिया, लेकिन स्वजन उसे शहर के एक निजी अस्पताल ले गए, जहां पर प्रसूता की मौत हो गई। घरवालों ने आपरेशन में लापरवाही का आरोप लगाया है।

ग्राम कोड़रा के अखिलेश की पत्नी सुनीता को 16 सितंबर को प्रसव पीड़ा हुई। स्वजन उसे लेकर हरियावां सीएचसी पहुंचे, जहां से महिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। 17 सितंबर को आपरेशन से पत्नी ने बेटी को जन्म दिया। अगले दिन हालत गंभीर होने पर चिकित्सक ने उसे लखनऊ रेफर कर दिया। रुपयों के अभाव में स्वजन उसे लेकर एक निजी अस्पताल पहुंचे, जहां पर सोमवार को इलाज के दौरान सुनीता ने दम तोड़ दिया। पति अखिलेश ने महिला अस्पताल के आपरेशन कक्ष में तैनात स्टाफ नर्स पर पांच हजार रुपये लेने और लापरवाही का आरोप लगाया है। हालांकि चिकित्सकों ने आरोप तो पूरी तरह से गलत बताया है। उनका कहना है कि प्रसूता की हालत खराब थी, जिस पर उसे लखनऊ रेफर किया गया था।

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