बेसहारा पशुओं का सहारा बनेंगे प्रधान

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By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Dec 2019 10:53 PM (IST) Updated:Fri, 06 Dec 2019 06:08 AM (IST)
बेसहारा पशुओं का सहारा बनेंगे प्रधान
बेसहारा पशुओं का सहारा बनेंगे प्रधान

हरदोई : बेसहारा पशुओं का अब प्रधान, पंचायत सचिव, लेखपाल एवं पशु चिकित्साधिकारी की टीम सहारा बनेगी। पंचायतीराज विभाग ने पशुपालन एवं राजस्व विभाग को जोड़कर बेसहारा पशुओं को अभियान चलाकर ग्राम पंचायतों में संचालित अस्थाई पशु आश्रय स्थलों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी है। इस खास अभियान से न केवल किसानों की फसलों का नुकसान रोका जा सकेगा, बल्कि मार्ग हादसों में भी कमी आएगी।

निराश्रित पशुओं खासकर गोवंश को संरक्षित किए जाने के लिए शासन की प्राथमिकता को देखते हुए जिले के अधिकारियों ने भी संवेदनशीलता दिखानी शुरू की है। राजधानी से जुड़े लखनऊ रोड को बेसहारा पशुओं से मुक्ति दिलाने की प्रारंभिक रणनीति बनाई गई है। बेसहारा पशुओं से किसानों की फसल को बड़ी मात्रा में नुकसान पहुंच रहा है। वहीं पशुओं के मार्ग पर आने से हादसे भी हो रहे हैं। पंचायतीराज विभाग ने पशुपालन, ग्राम्य विकास एवं राजस्व विभाग को जोड़कर निराश्रित पशुओं को पशु आश्रय स्थलों में संरक्षित कराने की रणनीति तय की है। प्रधानों को भी जोड़ा गया है। 77 पशु आश्रय स्थल हो रहे संचालित : ग्राम पंचायतों के सहयोग से 77 अस्थाई पशुआश्रय स्थल संचालित हो रहे हैं। कुल 16 हजार 300 निराश्रित पशुओं में से 9297 गोवंश को संरक्षित किया जा रहा है। जबकि 1800 गोवंश किसानों को गोद दिए गए हैं। 2.59 करोड़ हो चुके हैं खर्च : निराश्रित गोवंश को पशु आश्रय स्थलों में संरक्षित किए जाने पर शासन की ओर से भरण-पोषण के लिए उपलब्ध कराए गए 2 करोड़ 59 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं। प्रति गोवंश प्रतिदिन 30 रुपये के हिसाब से आश्रय स्थलों को आवंटित किए गए हैं।

वर्जन-

शनिवार एवं रविवार को अभियान चलाया जाएगा। विकास खंड सुरसा, अहिरोरी, कछौना, संडीला एवं बेहंदर की ग्राम पंचायतों को अभियान के लिए चुना गया है। शनिवार एवं रविवार को लखनऊ रोड से सटी ग्राम पंचायतों में अभियान चलेगा।

गिरीश चंद्र, डीपीआरओ

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