युवाओं के हाथों में राजनीतिक दलों की कमान

ह्यश्च स्त्रद्गष्द्यड्डह्मद्गस्त्र श्रद्घद्घद्बष्द्बड्डद्यह्य ह्यश्च स्त्रद्गष्द्यड्डह्मद्गस्त्र श्रद्घद्घद्बष्द्बड्डद्यह्य ह्यश्च स्त्रद्गष्द्यड्डह्मद्गस्त्र श्रद्घद्घद्बष्द्बड्डद्यह्य ह्यश्च स्त्रद्गष्द्यड्डह्मद्गस्त्र श्रद्घद्घद्बष्द्बड्डद्यह्य ह्यश्च स्त्रद्गष्द्यड्डह्मद्गस्त्र श्रद्घद्घद्बष्द्बड्डद्यह्य ह्यश्च स्त्रद्गष्द्यड्डह्मद्गस्त्र श्रद्घद्घद्बष्द्बड्डद्यह्य ह्यश्च स्त्रद्गष्द्यड्डह्मद्गस्त्र श्रद्घद्घद्बष्द्बड्डद्यह्य ह्यश्च स्त्रद्गष्द्यड्डह्मद्गस्त्र श्रद्घद्घद्बष्द्बड्डद्यह्य ह्यश्च स्त्रद्गष्द्यड्डह्मद्गस्त्र श्रद्घद्घद्बष्द्बड्डद्यह्य ह्यश्च स्त्रद्गष्द्यड्डह्मद्गस्त्र श्रद्घद्घद्बष्द्बड्डद्यह्य

By JagranEdited By: Publish:Sat, 14 Dec 2019 10:29 PM (IST) Updated:Sat, 14 Dec 2019 10:29 PM (IST)
युवाओं के हाथों में राजनीतिक दलों की कमान
युवाओं के हाथों में राजनीतिक दलों की कमान

हरदोई : जिस ओर जवानी चलती है, उस ओर जमाना चलता है। शायद यही सोचकर राजनीतिक पार्टियों ने युवाओं के हाथ में पार्टी की कमान सौंपी है। सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने तो युवा जिलाध्यक्ष को दूसरी बार मौका दिया है। तो कांग्रेस और फिर बसपा ने भी युवा जिलाध्यक्ष बनाया। अब समाजवादी पार्टी ने भी युवा पर भरोसा करते हुए जिलाध्यक्ष की कुर्सी सौंपी है। अब देखना यह है कि युवा अपनी पार्टी को कितना जोश दे पाते हैं।

चारों राजनीतिक दलों के जिलाध्यक्ष पद पर को संभाल रहे युवाओं की उम्र 30 से 40 साल आयु वर्ग के मध्य की ही है। ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी शीर्ष नेताओं ने युवाओं का कमान सौंपकर पार्टी में जान डालने के साथ ही युवा वर्ग को पार्टी से जोड़ने की संभावना पर काम किया है। ताकि युवाओं के माध्यम से जिले में पार्टी की गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके और लोगों के बीच पार्टी की पहचान बनी रही। सत्ताधारी दल भाजपा ने सौरभ मिश्र को जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप रखी है। उन्हें लगातार दूसरी बार अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। कांग्रेस तो पहले ही आशीष सिंह पर भरोसा कर उन्हें जिलाध्यक्ष बनाया। बसपा ने भी हरपालपुर क्षेत्र के राजपाल गौतम को जिलाध्यक्ष बना रखा है। काफी दिनों से सपा ने रिक्त चल रहे जिलाध्यक्ष पद पर जीतेंद्र सिंह जीतू को शनिवार को ही नियुक्त किया है। वह पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी भी माने जाते हैं। जिससे उन्हें जिला संगठन की बड़ी जिम्मेदारी मिली है।

chat bot
आपका साथी