विद्यालय में मां बनाती खाना, गांव के बच्चों को पढ़ा रही बेटी

-संसाधनहीन बचों तक शिक्षण सामग्री पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं प्रेरणा साथी -खाना बनाने वाली रसोइयों के बच्चे भी गांव में दे रहे शिक्षा

By JagranEdited By: Publish:Fri, 02 Jul 2021 11:45 PM (IST) Updated:Fri, 02 Jul 2021 11:45 PM (IST)
विद्यालय में मां बनाती खाना, गांव के बच्चों को पढ़ा रही बेटी
विद्यालय में मां बनाती खाना, गांव के बच्चों को पढ़ा रही बेटी

हरदोई: नजीर एक-बावन विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय सिब्बापुरवा की रसोइया कुंती मिश्रा की पुत्री ज्योति मिश्रा विद्यालय की प्रेरणा साथी है। मां तो बच्चों के लिए खाना बनाती है, लेकिन बेटी गांवों में मोबाइल के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने का काम कर रही है।

-नजीर दो: उच्च प्राथमिक विद्यालय गुलामऊ की प्रेरणा साथी सीता की मां भी खाना बनाती हैं। सीता खुद तो पढ़ाई करती ही है, विद्यालय की तरफ से उसे प्रेरणा साथी की जिम्मेदारी सौंपी गई तो जिन बच्चों के पास मोबाइल नहीं है वह उन्हें पढ़ाने और समझाने का काम करती है। विद्यालय बंद चल रहे हैं और बच्चे घरों से आनलाइन पढ़ाई करते हैं। गांव में ऐसे बहुत से बच्चे हैं जिनके पास मोबाइल नहीं है। ऐसे बच्चों को शिक्षा की धारा से जोड़े रखने के लिए विद्यालयों की तरफ से प्रेरणा साथी बनाए गए हैं। वैसे तो हर विद्यालय से 10-10 प्रेरणा साथी बच्चों तक गुरु जी की बात पहुंचाकर पढ़ाई लिखाई में उनकी मदद कर रहे हैं, लेकिन ऐसी भी बेटियां हैं जिनकी मां विद्यालयों में खाना बनाती और वह गांव में बच्चों को पढ़ा रही हैं। खबर में शामिल दो नजीर तो समझाने के लिए हैं। ऐसी बहुत की बेटियां सराहनीय काम कर रही हैं।

कोरोना संक्रमण के कारण इन दिनों विद्यालय बंद हैं। परिषदीय विद्यालयों में पंजीकृत विद्यार्थियों को वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से आनलाइन शिक्षा प्रदान की जा रही है। मगर अधिकांश परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थियों के स्मार्ट फोन और इंटरनेट की व्यवस्था नहीं है। इससे वह आनलाइन कक्षाओं से जुड़ नहीं पा रहे हैं। उन्हें पढ़ाने के लिए ही प्रेरणा साथी बनाए गए हैं। गांव के जागरूक छात्र-छात्राओं और युवाओं को इसमें जोड़ा गया है, उन्हें सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई जाती है जोकि अपने मोबाइल के माध्यम से घरों में बच्चों तक पहुंचाते हैं। जिले में कुल विद्यालय

प्राथमिक विद्यालय-2418

उच्च प्राथमिक विद्यालय-737

कंपोजिट विद्यालय-415

कुल प्रेरणा साथी- 8500

जागरूक और शिक्षित युवा- 6200

जागरूक छात्राएं- 1830

ऐसे बालक जिनकी मां हैं रसोइयां- 250

ऐसी बेटियां जिनकी मां हैं रसोइयां-220

(उपरोक्त आंकड़े विभाग द्वारा बनाई गई सूचना पर आधारित हैं) -संसाधनहीन बच्चों को शिक्षा की धारा से जोड़ने के लिए विद्यालयों द्वारा प्रेरणा साथी बनाए गए हैं। ऐसे बहुत से बच्चे हैं जिनकी मां रसोइयां हैं और वह गांव में पढ़ा रहे हैं। ऐसे बच्चों का हौंसला बढ़ाया जा रहा है। प्रधानाध्यापकों से उन्हें पुरस्कृत भी कराया जाएगा। ---हेमंतराव, बीएसए

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