भोजन गोल, नाश्ते में मिलते हैं दो बिस्कुट
जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम में प्रसूताओं को नहीं दिया जा रहा भोजन
हरदोई: समय-12.10 बजे
स्थान: सीएचसी मल्लावां
²श्य: पूनम, आकांक्षा, प्रीती देवी, नीलम सभी 26 तारीख की शाम को भर्ती हुई थीं। रात में उनका प्रसव हुआ। सोमवार की सुबह उन्हें दो बिस्कुट और एक कप दूध दिया गया। बोली दोपहर को दो रोटी और दाल दी गई थी।
समय-12.30 बजे
स्थान- सीएचसी हरपालपुर
²श्य: अस्पताल में भर्ती रुचि, संध्या, कल्पना ने बताया कि रविवार की सुबह उन्हें दो रुपये वाला बिस्कुट पैकेट और एक गिलास दूध दिया गया था। रविवार की रात खाना ही नहीं बना था और न सोमवार दोपहर तक खाना मिला। रसोइयां ने बताया कि रविवार को उनकी तबीयत ठीक नहीं थी, तभी खाना नहीं बना।
समय-1.00 बजे
स्थान-सीएचसी बावन
²श्य- सीएचसी पर तीन मरीज भर्ती हुए। प्रिया सिंह ने एक बेटी को जन्म दिया था। सुबह नाश्ते के नाम पर उन्हें दो बिस्कुट दिए गए। बोली खाना नहीं मिला है।
जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम में प्रसूताओं को नाश्ते में दो बिस्कुट दिया जा रहा है, पर खाने का अता-पता नहीं रहता। खबर में शामिल तीन सीएचसी का आंखों देखा हाल तो महज समझाने के लिए है। अधिकांश अस्पतालों में ऐसा ही होता है। कहने को तो 90 रुपये के हिसाब से हर प्रसूता को सुबह दूध, फल, दोपहर को दाल, चावल, सब्जी रोटी और शाम को चाय फिर रात को खाना खिलाया जाता है, लेकिन हकीकत दावों की पोल खोल रही है।
आंकड़े फिट, जुगाड़ हिट
आंकड़ेबाजी के खेल में देखें तो जिला अस्पताल में 1019 प्रसव हुए, सभी 48 घंटे रुके और खाना नाश्ता करके ही घर गए। इसी तरह हरपालपुर में भी 432 प्रसव हुए। सभी रुके और खाना नाश्ता करके घर लौटे। अहिरोरी और बेंहदर का भी यही हाल है। सब जानते हैं कि 48 घंटे कोई नहीं रुकता, लेकिन इन सभी अस्पतालों में जो प्रसव हुए सभी 48 घंटे रुके दिखाए गए। आंकड़ों को फिट करके जुगाड़ को हिट दिखाया गया।
3496 रुके पर 5797 ने खाया खाना
खाना नाश्ता पर प्रतिदिन 90 रुपये खर्च होते हैं। अब अगस्त में ही देखें तो 5807 प्रसव हुए, लेकिन 3496 प्रसूताएं 48 घंटे अस्पताल में रुकी पर खाना और नाश्ता 5797 ने किया।
-सीएचसी की व्यवस्थाओं पर नजर रखने की अधीक्षक की जिम्मेदारी है। अगर कहीं मनमानी होती है तो वह निरीक्षण कराकर कार्रवाई करेंगे।---डॉ. सूर्य मणि त्रिपाठी, सीएमओ