रावण वध लीला ने मन मोहा
हरदोई : भगवंत नगर में चल रहे 133वें रामलीला महोत्सव में भगवान राम द्वारा भगवान रामेश्वर की स्थ
हरदोई : भगवंत नगर में चल रहे 133वें रामलीला महोत्सव में भगवान राम द्वारा भगवान रामेश्वर की स्थापना की गई। इसके बाद नल और नील दोनों भाइयों ने समुद्र पर पुल बनाया और लंका पर रावण के साथ युद्ध करने के लिए प्रस्थान किया। लीला में रावण वध और पुतला दहन का भी मंचन किया गया।
कलाकारों ने दिखाया कि समुद्र पार कर दूत के रूप में अंगद को रावण को समझाने के लिए राम भेजते हैं, अंगद के समझाने के बाद भी रावण नहीं माना फिर अंगद रामादल लौट जाते हैं। युद्ध की घोषणा हुई लक्ष्मण और मेघनाथ के मध्य भीषण संग्राम प्रारंभ हो गया। मेघनाथ युद्ध और फिर लक्ष्मण की मूर्छा और फिर संजीवनी बूटी पीते लक्ष्मण जी पूर्व की भांति स्वस्थ हो गए। लक्ष्मण ने मेघनाथ का वध किया उसके बाद राम ने कुंभकरण का वध किया। इसके पश्चात राम और रावण के मध्य भीषण युद्ध होता है। राम ने रावण की नाभि में तीर से प्रहार कर रावण का वध कर देते हैं। हनुमान जी द्वारा रावण के पुतले में आग लगा दी गई। इस अवसर पर समिति के समस्त पदाधिकारी एवं सदस्यगण उपस्थित रहे।