डंपिग स्थल पर लगा कूड़े का ढेर, निस्तारण की व्यवस्था नहीं
- शहर से 10 किमी दूर नीर गांव के निकट बना डंपिग स्थल स्थानीय लोगों के लिए बने मुसीबत
हरदोई : नगर पालिका परिषद हरदोई में कूड़े के निस्तारण की कोई सुविधा नहीं है। शहर से 10 किलोमीटर दूर नीर गांव के निकट कूड़ा डंपिग स्थल बनाया गया है, जहां कूड़े का ढेर लगा है। गांव के रास्ते पर लगा कूड़ा स्थानीय लोगों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है।
शहर के मुहल्लों, दुकानों व शापिग माल से प्रतिदिन 43 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। सफाईकर्मियों द्वारा ठेलियां के माध्यम से सड़क किनारे बने कूड़ाघरों में कूड़ा डाल जाता है। रविवार को छोड़कर प्रत्येक दिन कूड़ा डंफर के माध्यम से डंपिग स्थल तक पहुंचाया जाता है। कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था न होने के चलते डंपिग स्थल पर कूड़े का ढेर लगा है, जिसकी दुर्गंध स्थानीय लोगों को परेशान कर रही हैं। वहीं डंपिग स्थल पर कूड़ा डालने वाहन चालकों का कहना है कि डंपिग स्थल पर कूड़ा डालने की जगह तक नहीं बची है। डंपिग स्थल पर बड़ी-बड़ी झाड़ियां खड़ी होने से कूड़ा वाहन अंदर तक नहीं जा पाते हैं। वाहन चालक सड़क किनारे कूड़ा डालने को मजबूर हैं। नहीं बन पाया एमआरएफ सेंटर : कूड़ा निस्तारण के लिए शासन ने मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) सेंटर के निर्माण की स्वीकृति दी है, जिसके लिए धनराशि भी आवंटित कर दी है। इसके बावजूद नगर पालिका प्रशासन एमआरएफ सेंटर निर्माण के लिए भूमि का आवंटन तक नहीं करा पाया है, जिससे एमआरएफ सेंटर का निर्माण अधर में है। शहर की सफाई पर हर माह खर्च होते 65 लाख रुपये : नगर पालिका प्रशासन की ओर से शहर की साफ-सफाई व्यवस्था को लेकर हर माह 65 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं, जिसमें सबसे अधिक धनराशि सफाईकर्मियों के वेतन पर खर्च हो रही है। पांच लाख रुपये के करीब प्रति माह कूड़ा ढुलाई करने वाले वाहनों के डीजल पर खर्च होता है।
कूड़ा निस्तारण के लिए एमआरएफ सेंटर का निर्माण कराया जाना है, जिसकी भूमि का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। अभी तक भूमि के आवंटन की स्वीकृति नहीं मिल पाई है। भूमि आवंटित होने पर एमआरएफ सेंटर का निर्माण शुरू कराया जाएगा। एमआरएफ सेंटर का निर्माण होने से कूड़ा निस्तारण की प्रक्रिया शुरू होगी।
- रविशंकर शुक्ला, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद हरदोई