आर्यावर्त बैंक की 68 शाखाओं में तालाबंदी

करीब 20 करोड़ का कारोबार प्रभावित - बैंककर्मियों ने प्रदर्शन कर की नारेबाजी

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 10:23 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 10:23 PM (IST)
आर्यावर्त बैंक की 68 शाखाओं में तालाबंदी
आर्यावर्त बैंक की 68 शाखाओं में तालाबंदी

हरदोई : आल इंडिया रीजनल रूरल बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन के तत्वावधान में सोमवार को बैंककर्मियों की हड़ताल से आर्यावर्त बैंक की 68 शाखाओं में तालाबंदी रही, जिसके चलते 20 करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ। बैंक बंद होने से लेनेदेन के अलावा चेक क्लीयरिग का कार्य भी नहीं हुआ।

आर्यावर्त बैंक के अधिकारी व कर्मचारी लखनऊ स्थित क्षेत्रीय कार्यालय पर एकत्र हुए और सरकार की नीतियों के विरोध में नारेबाजी की। आर्यावर्त बैंक अधिकारी संघ के अध्यक्ष मेहुल वर्मा ने कहा कि रिक्त पदों पर भर्ती, प्रोन्नति नीति परिवर्तन, अनुकंपा नियुक्ति, पेंशन, दैनिक वेतन भोगियों का नियमितीकरण, न्यूनतम मजदूरी का भुगतान और कोविड19 के शिकार कर्मियों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की मांग की जा रही है, लेकिन सरकार बैंककर्मियों की मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि जब तक बैंककर्मियों की मांगों का समय से निराकरण नहीं जाता है, तब तक वह संघर्ष करते करते रहेंगे। उपाध्यक्ष विश्वजीत सिंह ने कहा कि सरकार ने सभी ग्रामीण बैंकों में अपनी 50 फीसद हिस्सेदारी प्रायोजक बैंकों में अंतरित करने का निर्णय लिया है, जिसका भविष्य निजीकरण की ओर जाता है। मोहम्मद इमरान, विवेक प्रताप सिंह, कृपाशंकर शुक्ला व रविद्र सिंह मौजूद रहे।

नीति के विरुद्ध स्थानांतरण सहित मांगों के समर्थन में धरना-हरदोई : ग्राम पंचायत अधिकारी-ग्राम विकास अधिकारी समन्वय समिति के बैनर तले कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों के समर्थन में विकास भवन के सामने धरना दिया। पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों ने कहा कि नीति के विरुद्ध किए गए स्थानांतरण सहित अन्य मांगों का जल्द निराकरण कराया जाए।

समन्वय समिति के बैनर तले सोमवार को धरना स्थल पर ग्राम पंचायत अधिकारी के संघ के प्रांतीय अध्यक्ष रजनी कांत त्रिवेदी ने कहा कि पंचायत कर्मियों की मांगे जायज हैं, जिन्हें अधिकारी पूरा करने से कतरा रहे हैं। कहा कि स्थानांतरण के संबंध में दिए गए प्रत्यावेदन और क्लस्टर में जनसंख्या के मानक की अनदेखी की गई है। कहा कि सालिड लिक्विड एवं वेस्ट मैनेजमेंट के लिए राशि आवंटन के बिना ही कार्य पूरा करने का दबाव बनाकर कर्मचारियों का उत्पीड़न बंद किया जाए। समिति की ओर से जिलाधिकारी को संबोधित दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि निरीक्षण में मिलनी वाली कमियों को दूर कराने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए।

कहा गया है कि कर्मचारियों की संख्या कम होने के बावजूद भी कई सचिव निलंबित चल रहे हैं। पशु आश्रयस्थल पर प्रतिदिन पंचायत सचिवों के सायंकाल में उपस्थित रहने के आदेश की व्यवस्था में संशोधन किया जाए। कोटा चयन की बैठक में जिला स्तरीय अधिकारी को पर्यवेक्षण के लिए नामित और सुरक्षा के बंदोबस्त जरूर किए जाए। अशोक कुमार मिश्रा, समिति की जिला शाखा अध्यक्ष दिनेश गुप्ता, मंत्री राजवीर सिंह, संयुक्त मंत्री रमेश कुमार एवं कोषाध्यक्ष ज्ञानेंद्र कुमार आदि ने भी विचार व्यक्त किए।

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