शिक्षा के सूने आंगन में आई बहार

प्राथमिक विद्यालयों में लौटी रौनक शिक्षकों ने किया बचों का स्वागत - परिषदीय विद्यालयों में रोस्टर के अनुसार बुलाए गए थे बचे

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 10:53 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 10:53 PM (IST)
शिक्षा के सूने आंगन में आई बहार
शिक्षा के सूने आंगन में आई बहार

हरदोई : कोरोना कॉल के बाद विद्यालय खुले तो मानो शिक्षा के आंगन में बहार आ गई। मुख्य द्वार से लेकर कक्षा तक बच्चों का शिक्षक स्वागत करते नजर आए। इसके बाद पठन-पाठन का भी दौर चला। इस दौरान कोविड-19 की सुरक्षा गाइड लाइन का भी ध्यान रखा गया।

जिले में 2419 परिषदीय और 1091 निजी विद्यालय संचालित हैं। कोविड-19 के संक्रमण के कारण विद्यालयों में कक्षा एक से पांच तक की कक्षाएं संचालित नहीं हो रहीं थीं। बस विद्यालय खुलने का इंतजार था और आखिर में वह समय आ गया। वैसे तो कक्षा के अनुसार बच्चों को बुलाए जाने के निर्देश थे, लेकिन बच्चों में इतना हौसला था कि सोमवार को एक से कक्षा पांच तक के बच्चे पहुंचे। गेट पर हाथों को सैनिटाइज कराया गया और बच्चों को आपस में दूरी बनाएं रखने की सलाह दी गई। शिक्षकों ने कक्षा एक और पांच के बच्चों को रोक कर अन्य को वापस भेज दिया और निर्धारित दिन पर आने को कहा गया।

कुछ इस तरह दिखा विद्यालय का महौल

हरदोई : शहर के विद्यालयों में विद्यार्थियों में उत्साह दिखा। मगर पहले दिन संख्या कम रही। शहर के प्राथमिक विद्यालय ऊंचाथोक में कक्षा पांच के मात्र तीन बच्चे पहुंचे। प्रधानाध्यापक संतोष कुमार ने बताया कक्षा एक छह बच्चे पंजीकृत है। मगर एक भी नहीं आए। संविलियन विद्यालय वैटगंज में गेट पर बच्चों के हाथों को रसोइयों ने सैनिटाइज कराया। इसके बाद कक्षा में प्रवेश दिया। प्राथमिक विद्यालय हिन्दी पाठशाला को गुब्बारों से सजाया गया था। वहां पर प्रधानाध्यापिका शहीनबानों ने बच्चों को स्वागत किया। शिक्षिकों ने शिक्षक अधिगम सामग्री के माध्यम से विद्यार्थियों को पढ़ाया। जिसका बच्चों ने लुफ्त उठाया। बच्चों के लिए मिड डे मील में सब्जी रोटी की व्यवस्था की गई थी। भरावन विकास खंड भरावन के प्राथमिक विद्यालय शिवपुरी मझिगवां,प्राथमिक विद्यालय रूदौली, प्राथमिक विद्यालय खसरौल, प्राथमिक विद्यालय हयातगंज में बच्चों को कोविड-19 की गाइड लाइन का पालन करते हुए प्रवेश दिया गया। संडीला के प्राथमिक विद्यालय सुंदरपुर में छात्रों को स्वागत आरती और टीका लगाकर किया गया।

विद्यालयों में नहीं हुई थर्मल स्कैनिग : शहर के किसी भी परिषदीय विद्यालय में थर्मल स्कैनिग की व्यवस्था नहीं की गई थी। बच्चों को बगैर जांच के लिए विद्यालय में प्रवेश दिया गया।

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