वीआइपी नंबर स्वैप कर बेचने वाले अंतरराज्यीय गैंग का राजफाश
-मोबाइल सिम को स्वैप कर वीआइपी नंबर की मनमानी कीमत करते थे वसूल -दो भाइयों समेत तीन को पुलिस ने किया गिरफ्तार
हरदोई : वीआइपी नंबर स्वैप कर लोगों से लाखों की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गैंग का पुलिस ने राजफाश किया है। पुलिस ने दो भाइयों समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से 16 वीआइपी नंबर की सिम, नौ मोबाइल और एक लैपटाप बरामद किया है। पुलिस इनके उड़ीसा और राजस्थान के दो साथियों की तलाश कर रही है।
एसपी अजय कुमार ने बताया कि एक निजी सेलुलर कंपनी से शिकायत मिली थी कि कंपनी के कुछ कर्मी सिम स्वैप कर वीआइपी नंबर की उपभोक्ताओं से मनमानी कीमत वसूल करते थे। बताया कि सीओ सिटी विकास जायसवाल ने जांच की। सीओ सिटी ने शहर कोतवाली पुलिस और स्वाट टीम की मदद से संडीला के मोबाइल शाप के राकेश पाल को गिरफ्तार कर जांच की। पता चला कि राकेश अपने भाई प्रवेश पाल और लखनऊ के ठाकुरगंज के कबीरनगर कैंपबेल रोड के अरुणेश व बाराबंकी के फतेहपुर के साढ़ेमऊ के सौरभ वर्मा के साथ मिलकर काम करते थे।
एसपी ने बताया कि यह लोग बंद चल रहे वीआइपी नंबर की जानकारी जुटाकर कंपनी के फर्स्ट टाइम एक्टिवेशन आफिसर अरुणेश कुमार से संपर्क कर उपभोक्ता का डिटेल मंगवा लेते थे। फेक पैनकार्ड एप से फर्जी पैनकार्ड बनाकर सिम स्वैप कराते थे। फर्स्ट टाइम एक्टिवेशन आफिसर उस सिम को एक्टिवेट कर देता था। एक्टिवेशन का यूनीक पोर्टिंग कोड निकालकर मनमाने दामों में बेचते थे। एसपी ने गैंग को पकड़ने वाली टीम को 25 हजार रुपये का इनाम दिया है। देश के कई हिस्सों में हैं साथी : एसपी ने बताया कि सिम को खरीदने और बेचने के लिए लखनऊ के सौरभ वर्मा, जयपुर राजस्थान के लोकेश, कटक उड़ीसा के केशवधीर चंद्रा के साथ ही देश के कई हिस्सों में इनके साथी काम कर रहे हैं। बीटेक है सौरभ वर्मा : एसपी ने बताया कि सौरभ वर्मा बीटेक किए हैं। इसके अलावा राकेश और प्रवेश पाल मोबाइल की दुकान चलाते हैं। वहीं अरुणेश कुमार निजी सेलुलर कंपनी में फर्स्ट टाइम एक्टिवेशन आफिसर हैं।