पीएम आवास योजना ग्रामीण में 8070 आवासों की होगी जांच
-वर्ष 2020-21 में 14 ब्लाकों में बनवाए गए थे आवास -दैनिक जागरण ने खोली खेल की पोल तो मची खलबली
हरदोई: प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में हुए फर्जीवाड़े की दैनिक जागरण के पोल खोलने पर खलबली मच गई है। बिना आवास बनवाए साफ्टवेयर पर फर्जी फोटो अपलोड करने के खेल पर जिलाधिकारी ने कड़ा रुख अख्तियार किया है और वर्ष 2020-21 में 14 ब्लाकों में पूर्ण दिखाए गए 8070 आवासों की जांच का आदेश दिया है। परियोजना निदेशक ने खंड विकास अधिकारियों से आवास के बाहर लाभार्थी और पंचायत सचिव की फोटो के साथ रिपोर्ट तलब की है।
वर्ष 2020-21 के इन आवासों में कई तो ऐसे भी सामने आए जिनकी मौत हो चुकी थी और उनके भी साफ्टवेयर पर पूर्ण आवास दिखा दिए गए। डीएम की सख्ती पर परियोजना निदेशक गजेंद्र तिवारी ने वर्ष 2020-21 में 14 ब्लाकों में बनवाए गए सभी 8070 आवासों की जांच के आदेश दिए हैं, जिसमें विकास खंड और ग्राम पंचायत के साथ लाभार्थी के नाम, पिता का नाम व अन्य विवरण के साथ ही आवास के बाहर उसे खड़ा करके उसके साथ ही पंचायत सचिव या रोजगार सेवक की फोटो समेत एक अक्टूबर तक पूरा विवरण मांगा है। विभागीय जानकारों का कहना है कि गहराई से जांच हो गई तो बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आएगा और इसमें बहुत से लोगों पर कार्रवाई हो सकती है। वर्ष 2020-21 में किस ब्लाक में कितने दिखाए गए पूर्ण आवास
ब्लाक------आवासों की संख्या
अहिरोरी--------624
बेंहदर-----1139
भरखनी--------192
बिलग्राम-----179
हरियावां----1160
हरपालपुर--748
कछौना--------302
कोथावां-----1112
माधौगंज----32
मल्लावां-----07
संडीला----54
शाहाबाद----1537
सुरसा------03
टोडरपुर----981 फर्जीवाड़े के खेल की हुई पुष्टि
आवास की फर्जी फोटो साफ्टवेयर पर डालने में पंचायत सचिवों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। खंड विकास अधिकारी ने गांव पहुंचकर हकीकत देखी तो फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई है। विभागीय जानकारों के अनुसार कार्रवाई के लिए लिखा भी गया है।