पंचायत भवन के व्यवस्थित होने के बाद होंगे दूसरे काम
-अपर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को बताई सरकार की प्राथमिकता -जर्जर व मरम्मत योग्य पंचायत भवन एक माह में करा लिए जाएं दुरुस्त
हरदोई : गांवों की सूरत बदलने में सरकार जुट गई है। प्रधान और पंचायत सचिवों को ग्राम पंचायत भवन को व्यवस्थित कराने के बाद ही दूसरे कार्यों पर खर्च की छूट दी गई है। जर्जर व मरम्मत योग्य पंचायत भवनों को दुरुस्त व अतिरिक्त कक्ष निर्माण कराने के लिए एक माह का समय दिया गया है। पंचायतीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिग से अधिकारियों को सरकार की प्राथमिकता बताई।
नवनिर्वाचित प्रधानों के कार्यकाल संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्राम पंचायत भवनों व ग्राम पंचायत के कार्यालय संचालित कराए जाने पर जोर दिया है। जिला पंचायत राज अधिकारी गिरीश चंद्र ने बताया कि बुधवार को अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिग में भी पंचायत भवनों को व्यवस्थित कराने की प्राथमिकता बताई है। बताया कि सभी प्रधानों और पंचायत सचिवों को निर्देशित किया गया है कि ग्राम पंचायत के मुख्य ग्राम में डा. आंबेडकर सामुदायिक भवन व पंचायत भवनों को दुरुस्त करा लिया जाए। जहां पर दो कमरे के पंचायत भवन हैं, वहां पर अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए एस्टीमेट तैयार कराते हुए स्वीकृति लेते हुए काम शुरू कराया जाए। 105 जर्जर श्रेणी में चिह्नित हुए भवन : डीपीआरओ ने बताया कि जिले में 105 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन जर्जर श्रेणी में चिह्नित हुए हैं। इन ग्राम पंचायतों के प्रधान व पंचायत सचिवों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वह तत्काल इनके जीर्णोद्धार के लिए एस्टीमेट तैयार कराते हुए वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त कर कार्य शुरू करा दें।
सामुदायिक शौचालयों का थर्ड पार्टी होगा सत्यापन : डीपीआरओ ने बताया कि पंचायतों में निर्मित कराए गए सामुदायिक शौचालयों के संबंध में मनमानी रिपोर्ट से काम नहीं चलेगा। शासन ने थर्ड पार्टी सत्यापन का निर्णय लिया है। सत्यापन में जहां पर भी कमियां व संचालन नहीं होता पाया जाएगा, वहां के पंचायत सचिव का उत्तरदायित्व तय करते हुए कार्रवाई की जाएगी।