पंचायत सचिव निलंबित, एडीओ को प्रतिकूल प्रविष्टि

-सीडीओ ने सालिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट में लापरवाही पर जाहिर की नाराजगी -सांडी बीडीओ के वेतन भुगतान पर रोक ककेड़ी को बनाया जाना है आदर्श ग्राम

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Sep 2021 10:57 PM (IST) Updated:Thu, 02 Sep 2021 10:57 PM (IST)
पंचायत सचिव निलंबित, एडीओ को प्रतिकूल प्रविष्टि
पंचायत सचिव निलंबित, एडीओ को प्रतिकूल प्रविष्टि

हरदोई : मुख्य विकास अधिकारी ने सालिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट में लापरवाही पर नाराजगी जाहिर की। सांडी के ककेड़ी में एक माह बाद भी कार्य न कराए जाने पर पंचायत सचिव को निलंबित, एडीओ (सहायक विकास अधिकारी पंचायत) को प्रतिकूल प्रविष्टि और बीडीओ का वेतन भुगतान पर रोक लगा दी।

मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा राना ने सांडी के ककेड़ी में गुरुवार को निरीक्षण में पाया कि सालिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट कराते हुए गांव को आदर्श बनाए जाने के लिए ग्राम पंचायत अधिकारी राममूर्ति वर्मा ने कोई काम नहीं कराया है। नियमित समीक्षा के बाद भी एडीओ पंचायत रजनीकांत त्रिवेदी व बीडीओ मनवीर सिंह पर्यवेक्षण के लिए दोषी पाए गए। बताया कि निरीक्षण में खाद के चार गड्ढों की खोदाई गुरुवार को ही शुरु कराई गई, जबकि एक माह से अधिक अवधि से दैनिक समीक्षा के बाद भी एडीओ ने गोद लिए गांव में कोई रुचि नहीं ली। 15 अगस्त को दो-दो कूड़ा ठेलिया उपलब्ध कराने के बाद भी डोर-टू-डोर सूखा और गीला कूड़ा एकत्र नहीं कराया जा रहा है।

बताया कि प्रथम चरण में चयनित सभी 38 ग्राम पंचायतों में सभी कार्य कार्ययोजना के अनुसार पूरा होने तक डीपीआरओ एवं स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक के वेतन व मानदेय भुगतान पर भी रोक लगा दी गई है। डीआरडीए के सहायक अभियंता आरके सिंह, जिला समन्वयक हिमांशु मिश्रा, एडीओ रजनीकांत त्रिवेदी, पंचायत सचिव राममूर्ति वर्मा व प्रधान धर्मेंद्र मौजूद रहे।

मरीजों की बचा रहे जान, मानदेय के लिए परेशान- हरदोई : कर्मियों की कमी दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग में आउट सोर्सिंग से कर्मी लगाए गए हैं। जिला और महिला अस्पताल में लगभग 50 कर्मी कार्यरत हैं और लगातार मरीजों की सेवा कर रहे हैं। पांच माह से मानदेय न मिलने से ये सभी परेशान हैं।

कोरोना काल में अस्पताल में हर मरीज गंभीर हालत में पहुंचे रहे थे, अधिकतर मरीजों में कोरोना संक्रमित निकल रहे थे। मरीजों के इलाज के लिए स्वास्थ्य कर्मियों ने पूरे मनोयोग से मरीजों की सेवा की और कोरोना को हराया। अप्रैल, मई और जून तक संक्रमण ने सभी को पस्त कर दिया, लेकिन स्वास्थ्य कर्मी अपना कार्य करते रहे। अप्रैल से जिला और महिला अस्पताल मेडिकल कालेज में संबद्ध हो गया। इसके बाद से आउटसोर्सिंग से लगे कर्मियों को मानदेय नहीं मिला है। इससे कर्मी भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। मानदेय के लिए कर्मियों ने कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र भी भेजे, लेकिन अभी तक उन्हें मानदेय नहीं मिला, जिस कारण कर्मी परेशान हैं।

चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों का भी नहीं मिला वेतन : जिला और महिला अस्पताल में तैनात चिकित्सक, नर्स और फार्मासिस्ट को भी दो माह से वेतन नहीं मिला है। वेतन न मिलने से सभी परेशान हैं।

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