पीएम आवास ग्रामीण में चलता सेटिंग और जुगाड़ का खेल

-हजारों की संख्या में बने आवास पर जरूरतमंद परेशान -पात्र होने के बाद भी तमाम जरूरतमंद पात्रता सूची से बाहर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 11:34 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 11:34 PM (IST)
पीएम आवास ग्रामीण में चलता सेटिंग और जुगाड़ का खेल
पीएम आवास ग्रामीण में चलता सेटिंग और जुगाड़ का खेल

हरदोई: प्रकरण एक: संडीला के ऐरका निवासी रहमतुन के पास सिर छिपाने के लिए एक कच्ची कोठरी थी वह भी गिर गई। अब बस किसी तरह गुजर बसर कर रहीं हैं। उनका कहना है कि जब जानकारी ली गई तो पता चला कि पात्रता सूची में उनका नाम ही नहीं है।

प्रकरण दो: संडीला क्षेत्र के ही मीतो निवासी परमेश्वरी अपने पति प्रभू के साथ पॉलीथिन में रहती हैं। वह बताती हैं कि जो वरियता सूची बनाई गई थी, उसमें उनका नाम न होने की बात कही जा रही है। पति भी दौड़ भाग कर चुके लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

कहने को तो हर जरूरतमंद को आवास दिए गए, लेकिन इसमें क्या हुआ यह किसी से छिपा नहीं है। खबर में शामिल तीन प्रकरण तो महज समझाने के लिए हैं। जिले में ऐसे सैकड़ों लोग हैं जोकि 2011 में हुई सामाजिक आर्थिक, जातिगत जनगणना में छूट गए और आवास के लिए तैयार की गई वरियता सूची में उनका नाम नहीं है।

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में सरकारी आंकड़ों को देखें तो अभी तक 45 हजार 216 लाभार्थियों को आवास मिल चुके हैं, कहने को तो हर जरूरतमंद को छत मिल गई है पर हकीकत कुछ और ही है। हर गांव में देखा जाए तो कई लोग बिना आवास के हैं, कोई गांव की राजनीति का शिकार है तो किसी की कोई कहने वाला नहीं है। दूसरी तरफ आवासों में किस तरह से खेल होता है यह भी सामने आ चुका है कि आवास बने नहीं लेकिन उनकी फोटो पोर्टल पर अपलोड कर दी गई। अधिकारियों का कहना है कि आवासों का चयन पंचायत करती है और हर लाभार्थी को स्थान देने का प्रयास किया जाता है, लेकिन बिना छत खुले आसमान में रहने वाले जिम्मेदार सिस्टम की पोल खोल रहे हैं। जानकारों का कहना है कि जिसके पास जुगाड़ और सेटिग होती है वह अपात्र होते हुए भी आवास पा जाता है और बेसहारा परेशान रहते हैं। लाभार्थियों को वर्ष वार मिले आवासों पर एक नजर

वर्ष-------लाभार्थी

2016-17--- 20002

2017-18----11485

2018-19---9624

2019-20---4105

2020-21---8020 4134 बन रहे आवास

वर्ष 2021-22 में जिले में कुल 4134 आवास का लक्ष्य है, जिनके आवास बनने भी लगे हैं, विभागीय आंकड़ों के अनुसार 3904 लाभार्थियों के खातों में पहली किस्त जा भी चुकी है। --प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लिए प्रथम चरण में सेक डाटा के पात्र परिवारों को लाभांवित किया गया है। आवास प्लस पर वंचित पात्र परिवारों को चिह्नित कर लाभान्वित कराया जा रहा है, इसके बाद भी यदि परिवार आवासहीन श्रेणी में हैं तो, उन्हें लाभ दिए जाने के लिए गाइडलाइन का इंतजार है। इसके अनुसार ही परिवारों को सर्वे कराया जाएगा और डाटा अपलोड कराया जाएगा। ---गजेंद्र कुमार तिवारी, परियोजना निदेशक

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