पांच करोड़ के पेंशन घोटाले के आरोपित लेखाकार की जमानत खारिज

-कोषागार में वर्ष 2011 से 2015 तक हुए हुआ था पेंशन भुगतान में खेल -प्रभारी सत्र न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई के दौरान खारिज की अर्जी

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 10:35 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 10:35 PM (IST)
पांच करोड़ के पेंशन घोटाले के आरोपित लेखाकार की जमानत खारिज
पांच करोड़ के पेंशन घोटाले के आरोपित लेखाकार की जमानत खारिज

हरदोई : कोषागार में पेंशन मद में करीब पांच करोड़ रुपये के हुए घोटाले के मामले की सुनवाई करते हुए शुक्रवार को प्रभारी सत्र न्यायाधीश ने आरोपित कोषागार के निलंबित लेखाकार राकेश कुमार सिंह की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया।

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता सत्येंद्र कुमार सिंह के अनुसार वरिष्ठ कोषाधिकारी कंचन भारती की ओर से छह नवंबर 2019 को दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया गया कि विभाग के पेंशन अनुभाग में वर्ष 2011 से 2015 के बीच कतिपय फर्जी भुगतान किए गए थे। इस मामले में तत्कालीन वरिष्ठ कोषाधिकारी दीपांकर शुक्ला, सहायक कोषाधिकारी मोतीलाल, लेखाकार राकेश कुमार सिंह एवं दफ्तरी मुंशीलाल पर देवेंद्र सिंह द्वारा आरोप लगाए गए थे। जिस संबंध में जिलाधिकारी द्वारा वरिष्ठ कोषाधिकारी से आख्या मांगी गई थी। इस संबंध में सेंट्रल बैंक से जानकारी करने पर 47,97,870 रुपये के फर्जी भुगतान की पुष्टि हुई। इस पर वरिष्ठ कोषाधिकारी द्वारा ब्याज सहित जमा कराने का आदेश दिया गया। जिसे लेखाकार राकेश कुमार सिंह द्वारा राजकोष में जमा करा दिया गया है। लेखाकार को निलंबित कर वित्तीय परामर्शदाता जिला पंचायत को जांच सौंपी गई।

जांच में करीब पांच करोड़ का घोटाला प्रकाश में आया। पता चला कि राकेश कुमार सिंह व उनकी पत्नी मधुलता सिंह के संयुक्त खाते हैं, जिसमें गबन की राशि ट्रांसफर की गई थी। इस मामले में आरोपित की पत्नी की जमानत पूर्व में ही खारिज हो चुकी है। फिलहाल यह मामला सुर्खियों में है।

कहा जा रहा है कि इसमें कई और भी कड़ी सामने आईं हैं, जो गबन में शामिल रही हैं। हालांकि जांच में लेखाकार को ही दोषी माना गया था।

chat bot
आपका साथी