गंगा किनारे हो रही अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों की खोज

-नमामि गंगे परियोजना की भारतीय सांस्कृतिक निधि की टीम बिलग्राम पहुंची -गोमुख से लेकर गंगा सागर तक गंगा किनारे पांच किलोमीटर दायरे में हो रहा सर्वे

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 11:07 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 11:07 PM (IST)
गंगा किनारे हो रही अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों की खोज
गंगा किनारे हो रही अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों की खोज

हरदोई: भारतीय सभ्यता-संस्कृति दो महान नदियों गंगा और सिधु की घाटियों में विकसित हुई। इन नदियों के किनारे आज भी सैकड़ों वर्ष पुरानी सांस्कृतिक विरासतें मौजूद हैं। गोमुख से लेकर गंगा सागर तक सर्वे कर रहीं भारत सरकार की नमामि गंगे परियोजना के तहत भारतीय सांस्कृतिक निधि, दिल्ली की एक तीन सदस्यीय टीम ने बिलग्राम क्षेत्र पहुंचकर पौराणिक, धार्मिक स्थलों को देखकर बुजुर्गों से सभ्यता और संस्कृति के बारे में जानकारियां लीं।

टीम का नेतृत्व कर रहे हरीश बेंजवाल ने बताया कि गंगा के किनारे पौराणिक धरोहरें हैं। वह कौन कौन सी धरोहर हैं, उन्हें किसने और कब बनाया, उनकी खासियत और वर्तमान स्थिति क्या है, धरोहरों को सुरक्षित रखने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए ,आदि पर विस्तृत सर्वे किया जा रहा है, जिसमें स्थलों का इतिहास, उनकी फोटो, स्थानीय लोगों से बातचीत के वीडियो आदि के साथ विरासतों का दस्तावेजीकरण कर एक विस्तृत लिखित एवं डाक्यूमेंट्री नमामि गंगे जल शक्ति मंत्रालय को सौंपी जाएगी। सर्वे में गंगा किनारे पांच किलोमीटर के दायरे में मौजूद मूर्त, अमूर्त एवं प्राकृतिक धरोहरों, परंपरा, रीति रिवाज, तीज त्योहार आदि को भी देखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि गंगा के उद्गम गोमुख से गंगासागर तक अलग अलग टीम सर्वे कर रहीं हैं, उन्हें उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी मिली है। टीम में शामिल तृप्ता सिंह व नीतू शर्मा के साथ कन्नौज का सर्वे कर उन्होंने बिलग्राम तहसील क्षेत्र के राजघाट, बेरियाघाट को देखकर बिलग्राम कस्बे और उसके आसपास के ऐतिहासिक स्थलों को देखकर उनके संबंध में जानकारियां लीं, जिसमें उन्हें सैकड़ों वर्ष पुराने मंदिर, पीपल के पेड़, टीला आदि मिले। फरीद बिलग्रामी की लिखित पुस्तक बिलग्राम, राजनैतिक एवं साहित्यिक इतिहास भी उन्हें मिली, जिसमें काफी इतिहास मिला है। श्री बेंजवाल ने बताया कि यह शुरुआती पायलट सर्वे है, जिसमें संभावनाओं की तलाश की जा रही है। बिलग्राम क्षेत्र में काफी संभावनाएं मिली हैं, उनका विस्तृत सर्वे भी होगा। बुधवार व गुरुवार को सर्वे पूरा कर टीम कानपुर के लिए निकल गई।

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