50 लाख के कार्यों की नहीं मिली पत्रावली, अभिलेख तलब
-श्रम रोजगार उपायुक्त को कछौना के औचक निरीक्षण में एफटीओ व एमबी रजिस्टर तक नहीं मिला -अभिलेखों को अद्यतन करते हुए 18 अगस्त तक मनरेगा सेल में उपलब्ध कराने की डेडलाइन
हरदोई : कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में अभिलेखों के रख-रखाव की पोल खुलने लगी है। मनरेगा से जुड़े करीब 50 लाख से अधिक के कार्यों की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति, एफटीओ, एमबी व ई-मस्टर रोल आदि पत्रावलियां कर्मचारी श्रम रोजगार उपायुक्त को नहीं दिखा पाए। उपायुक्त ने 12 अगस्त को कछौना ब्लाक कार्यालय का औचक निरीक्षण किया था। पत्रावलियों न दिखा पाने पर मनरेगा से जुड़े अभिलेखों को अद्यतन करते हुए 18 अगस्त तक उपलब्ध कराने की डेडलाइन दी है।
उपायुक्त प्रमोद सिंह चंद्रौल ने 12 अगस्त को अचानक कछौना ब्लाक कार्यालय पहुंच गए। अन्य कार्यों, योजनाओं व कार्यक्रमों की प्रगति के साथ मनरेगा मद से कराए जाने वाले कार्यों व भुगतान की स्थिति की जानकारी। बताया कि उपस्थित कर्मचारी मनरेगा से जुड़ी कोई भी पत्रावली परीक्षण के लिए उपलब्ध नहीं करा सके। श्रमिकों के भुगतान की समय से प्राथमिकता व निर्देशों के बाद भी 28.61 फीसद भुगतान विलंब से किया गया है। भुगतान की स्थिति में सुधार नहीं दिखाई दे रहा है। 336 ई-मस्टर रोल, 178 मेजरमेंट बुक फीडिग के लिए लंबित मिली, 19 वेजलिस्ट भेजे जाने के लिए रखी मिलीं। बताया कि 41 में से दो ग्राम पंचायतों में काम बंद मिला। कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया गया कि रोजगार सृजन न करने वाली ग्राम पंचायत के पंचायत सचिव का वेतन, तकनीकी सहायक व ग्राम रोजगार सेवकों का मानदेय रोक दिया जाए। भुगतान के लिए पत्रावलियों को समय से फीड न कराने वाले पंचायत सचिव व तकनीकी सहायकों के वेतन व मानदेय पर रोक लगा दी गई। इस निर्णय से विभाग में हड़कंप मच गया है।