औद्योगिक इकाई ठप, ऊपर से बिजली बिल की मार

द्बठ्ठस्त्रह्वह्यह्लह्मद्बड्डद्य ह्वठ्ठद्बह्लह्य ष्ह्मद्गद्गश्चद्बठ्ठद्द द्बठ्ठस्त्रह्वह्यह्लह्मद्बड्डद्य ह्वठ्ठद्बह्लह्य ष्ह्मद्गद्गश्चद्बठ्ठद्द द्बठ्ठस्त्रह्वह्यह्लह्मद्बड्डद्य ह्वठ्ठद्बह्लह्य ष्ह्मद्गद्गश्चद्बठ्ठद्द द्बठ्ठस्त्रह्वह्यह्लह्मद्बड्डद्य ह्वठ्ठद्बह्लह्य ष्ह्मद्गद्गश्चद्बठ्ठद्द द्बठ्ठस्त्रह्वह्यह्लह्मद्बड्डद्य ह्वठ्ठद्बह्लह्य ष्ह्मद्गद्गश्चद्बठ्ठद्द द्बठ्ठस्त्रह्वह्यह्लह्मद्बड्डद्य ह्वठ्ठद्बह्लह्य ष्ह्मद्गद्गश्चद्बठ्ठद्द द्बठ्ठस्त्रह्वह्यह्लह्मद्बड्डद्य ह्वठ्ठद्बह्लह्य ष्ह्मद्गद्गश्चद्बठ्ठद्द द्बठ्ठस्त्रह्वह्यह्लह्मद्बड्डद्य ह्वठ्ठद्बह्लह्य ष्ह्मद्गद्गश्चद्बठ्ठद्द

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 May 2020 10:19 PM (IST) Updated:Wed, 27 May 2020 10:19 PM (IST)
औद्योगिक इकाई ठप, ऊपर से बिजली बिल की मार
औद्योगिक इकाई ठप, ऊपर से बिजली बिल की मार

संडीला : लॉकडाउन के दौरान उद्योग पूर्ण रूप से बंद रहे। इसके बाद भी बिजली विभाग ने उद्यमियों को लाखों रुपये के बिल भेज दिए हैं। उसमें लगा सरचार्ज भी कम नहीं किया गया है। इससे उद्यमियों की नींद उड़ गई है। उद्यमियों ने प्रदेश सरकार से लॉकडाउन के दौरान बिजली बिल माफ करने और विद्युत भार कम करने की छूट देने की मांग की है। लॉकडाउन की स्थिति कोरोना महामारी के कारण आई। इसलिए इस दौरान जब उत्पादन शून्य है। फिर भी बिजली विभाग द्वारा लगातार उद्यमियों को बिल भेजे जा रहे है। सरकार बिजली के बिल को माफ कर उद्योगों को एक बड़ी राहत दे सकती है। अंबरीष प्रताप सिंह बिजली का फिक्स चार्ज माफ किया जाए। जब लॉकडाउन में फैक्ट्री बंद थी, तो क्यों वह बिजली का फिक्स चार्ज दें। उनका कहना था की प्रत्येक उद्यमी को 20 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक का बिजली का फिक्स चार्ज आया है, जबकि उसने बिजली का प्रयोग ही नहीं किया। बिजली के फिक्स चार्ज को माफ करने का निर्णय सरकार को जल्द से जल्द करना चाहिए।

गौरव जाजू लॉकडाउन के दौरान करीब 2 माह तक फैक्ट्रियां कारखाने आदि बंद रहे। तो फिर उस दौरान बिजली बिल लेने का कोई मतलब नहीं है। उस दौरान के बिजली माफ होनी चाहिए, इसके अलावा जिन टैक्सों के माफ करने की घोषणा की गई थी। वह सभी टैक्स माफ होने चाहिए। अवनीश आर्य लॉकडाउन के बाद अभी उनकी फैक्ट्री चालू नहीं हो सकी है। उनका मानना है कि सरकार को ऑफ सीजन के दौरान पावर कनेक्शन धारकों को अपने पावर के भार को कम या ज्यादा कराने की सुविधा देनी चाहिए, ताकि उद्यमी अच्छे ढंग से अपना उद्योग चला सके।

राजीव अग्रवाल

chat bot
आपका साथी