एसडीएम ने गेहूं खरीद केंद्रों का किया निरीक्षण

केंद्रों पर मौजूद दर्जनों किसानों से उनकी समस्याओं को लेकर बात की गई और उनका तत्काल निस्तारण कराया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 09:28 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 09:28 PM (IST)
एसडीएम ने गेहूं खरीद केंद्रों का किया निरीक्षण
एसडीएम ने गेहूं खरीद केंद्रों का किया निरीक्षण

संडीला: उप जिलाधिकारी मनोज कुमार श्रीवास्तव एवं राजस्व अधिकारियों ने तहसील क्षेत्र में अलग-अलग स्थित सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों का निरीक्षण किया और प्रभारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

उपजिलाधिकारी ने बताया कि मंगलवार को नायब तहसीलदार द्वारा साधन सहकारी समिति सरेहरी व बड़ागांव, तहसीलदार द्वारा पीसीएफ कछौना, सहकारी समिति बाण का निरीक्षण किया गया। केंद्रों पर मौजूद दर्जनों किसानों से उनकी समस्याओं को लेकर बात की गई और उनका तत्काल निस्तारण कराया गया। बताया कि सहकारी समिति सरेहरी पर 917, बड़ागांव पर 2800, पीसीएफ कछौना पर 5750, सहकारी समिति बालामऊ बाण पर 3428, पीसीएफ संडीला पर 3150, मंडी परिषद पर 2229, विपणन शाखा द्वारा 9902 क्विटल गेहूं की खरीद की जा चुकी है।

एसडीएम ने सभी केंद्र प्रभारियों को निर्देश दिया है कि किसानों को टोकन देकर नियमानुसार गेहूं की खरीद की जाए। प्रभारी के खिलाफ अनियमितता की शिकायत की पुष्टि पर कार्रवाई की जाएगी। किसानों से अपील की 200 क्विटल का सत्यापन तहसील और इसके अधिक का सत्यापन अपर जिलाधिकारी द्वारा ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से कराएं।

बावन में दो वर्ष से नहीं लगा गेहूं क्रय केंद्र

बावन: बावन कस्बा में पिछले दो वर्षों से गेहूं खरीद केंद्र नहीं लगाया गया है, इसके चलते किसान परेशान हैं। किसानों का कहना है कि कस्बा के आसपास के गांवों में गेहूं की अच्छी पैदावार होती है। केंद्र न होने से किसानों को औने-पौने दामों पर गेहूं बेचने को मजबूर होना पड़ता है।

किसान पिटू ने बताया कि दो वर्ष पहले साधन सहकारी समिति, विपणन शाखा, आवश्यक वस्तु निगम क्रय एजेंसी के केंद्र लगाए गए थे, जिससे किसानों को काफी लाभ हुआ था। पिछले दो वर्षों से कस्बा में केंद्र न लगने से किसानों को उपज बेचने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। किसान जुल्फिकार खान ने बताया कि बावन कस्बा से काफी दूर चार केंद्र लगाए गए है, जहां पर किसानों का गेहूं बेचना मुश्किल हो रहा है। किसान स्थानीय व्यापारियों को औने-पौने दामों पर उपज बेचने को मजबूर है।

किसान रामेश्वर ने बताया कि बावन कस्बा से करीब 8 किलोमीटर दूर पीसीएफ का ऐजाफार्म पर केंद्र पर लगाया गया है। यहां पर केंद्र प्रभारी गेहूं खरीद में मनमानी करते है, जिससे किसानों की उपज नहीं बिक पाती। किसान इरशाद खान ने बताया कि कस्बा में साधन सहकारी समिति होने के बावजूद इस बार गेहूं क्रय केंद्र नहीं बनाया गया है। किसान खाद बीज की महंगाई से पहले से परेशान है अब उसे उपज का भी वाजिब मूल्य नहीं मिल रहा है।

किसानों को आधे दामों पर मिलेगा ढैचा बीज

हरदोई: गेहूं की कटाई के बाद खाली पड़े खेतों में हरी खाद के लिए किसान ढैचा की बोआई कर सकते हैं। इसे लेकर प्रदेश सरकार की ओर से किसानों को आधे दामों पर ढैचा बीज उपलब्ध कराया जाएगा।

शासन स्तर से कृषि विभाग को 235.60 क्विटल ढैचा बीज उपलब्ध कराया गया है। बीज राजकीय कृषि बीज भंडार पर उपलब्ध है। जिला कृषि अधिकारी उमेश कुमार साहू ने बताया कि रासायनिक खादों का प्रयोग मृदा की उर्वराशक्ति को कमजोर करता है। इससे फसल की पैदावार पर असर पड़ता है। उन्होंने बताया कि किसान अपने खेत में हरी खाद के लिए ढैचा की बोआई करें। सरकार की ओर से 55 रुपये प्रति किलो बीज उपलब्ध कराया जा रहा है, जिस पर 50 फीसद अनुदान दिया जा रहा है। बीज लेने के लिए किसानों को कृषि विभाग की वेबसाइट पर आनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य है।

उन्होंने बताया कि हरी खाद तैयार होने के 45 दिन बाद इसे मिट्टी में पलटकर धान की रोपाई करें। इससे फसल का उत्पादन अच्छा होगा। देसी खाद की कमी से जूझ रहे किसानों के लिए हरी खाद रामबाण साबित हो रही है।

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