प्राधिकरण सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिग से बंदियों की जानी समस्याएं

जिला कारागार में 2078 बंदी निरुद्ध हैं पैरोल पर छोड़े जाने और निश्शुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराने की दी जानकारी

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 10:17 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 10:17 PM (IST)
प्राधिकरण सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिग से बंदियों की जानी समस्याएं
प्राधिकरण सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिग से बंदियों की जानी समस्याएं

हरदोई: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए बंदियों की समस्याओं की जानकारी ली। जिला कारागार की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। बंदियों को निश्शुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराने और पैरोल पर छोड़े जाने की जानकारी दी।

प्राधिकरण सचिव अलका पांडेय ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और जनपद न्यायाधीश विनोद कुमार के निर्देशन में जिला कारागार का वर्चुअल निरीक्षण किया। बंदियों से उनकी समस्याओं की जानकारी ली। कहा कि बंदियों के प्रार्थना पत्र जेल अधिकारियों के माध्यम से प्राधिकरण को प्राप्त कराए जाएंगे और उनका संबंधित अधिकारियों से निराकरण कराया जाएगा। उन्होंने जेल पीएलयी को सक्रिय योगदान के साथ ही कैदियों की सहायता के लिए आवश्यक प्रार्थना पत्र प्राधिकरण हरदोई कार्यालय में उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया गया। सचिव ने बताया कि कोविड-19 से बचाव के ²ष्टिगत और बंदियों की समस्याओं की जानकारी के लिए समय-समय पर वर्चुअल मीटिग की जाती रहेंगी। बंदियों से कहा कि वह कोविड-19 से बचाव के लिए शारीरिक दूरी, मास्क और सैनिटाइजर का नियमित प्रयोग करते रहें।

डिप्टी जेलर अजय कुलवंत ने बताया कि वर्तमान में जिला कारागार में कुल 2078 बंदी निरुद्ध हैं, जिसमें 1992 पुरुष, 103 महिला और 86 अल्प व्यस्क शामिल हैं। इस पर सचिव ने कहा कि बंदियों के स्वास्थ्य का नियमित परीक्षण कराया जाए। कोविड-19 के लक्षण दिखते ही जांच कराई जाए और समुचित उपचार उपलब्ध कराया जाए।

पैरोल पर कैदी तो जमानत पर रिहा होंगे बंदी

हरदोई: जिला कारागार में कैदियों व बंदियों की संख्या और बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए एक बार फिर पैरोल और जमानत पर रिहाई की प्रक्रिया शुरू की गई है। कैदियों की रिहाई के लिए तैयार सूची शासन को भेजी गई है, जबकि बंदियों को जमानत पर छोड़ने के लिए विधिक प्रक्रिया की जा रही है।

जिला कारागार में करीब साढ़े सात सौ बंदियों और कैदियों को रखने की क्षमता है, लेकिन उससे दो से तीन गुनी संख्या रहती है। इस समय करीब दो हजार बंदी है। हर बैरक में भीड़ है, कोरोना संक्रमण फैला है, उसी को देखते हुए बुजुर्ग, गंभीर बीमार या फिर छोटे मामलों में बंद लोगों को रिहाई पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए सूची भी तैयार कर ली गई है, जिसमें करीब 114 कैदी और 100 बंदी हैं।

जेल अधीक्षक ब्रजेंद्र सिंह ने बताया कि बीमार, बुजुर्ग या फिर अन्य तरह से दायरे में आने वाले कैदियों की सूची शासन को भेजी गई है। जबकि विचाराधीन बंदियों में भी यही दायरा रखा गया है। जो मानकों में आ रहे हैं उन्हें ही जमानत पर रिहा किया जाना है। उसकी भी सूची तैयार हो रही है। बाकी अग्रिम आदेशों के अनुसार आगे की कार्रवाई होगी।

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