गुरु पूर्णिमा पर गंगा स्नान के साथ गुरुजनों को नमन

- मंदिरों में हुई पूजा अर्चना परंपरागत अषाढ़ी पर नहीं लगा श्रवण देवी में मेला

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 10:45 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 10:45 PM (IST)
गुरु पूर्णिमा पर गंगा स्नान के साथ गुरुजनों को नमन
गुरु पूर्णिमा पर गंगा स्नान के साथ गुरुजनों को नमन

हरदोई : गुरु पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान कर पूजा अर्चना की और अपने गुरुजनों को नमन किया। कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए कार्यक्रम हुए। श्रवण देवी मंदिर परिसर में परंपरागत मेले का आयोजन नहीं किया। श्रद्धालुओं ने मंदिर में पहुंच कर पूजा अर्चना व हवन किया।

गुरु पूर्णिमा को अषाढ़ी पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है। शनिवार को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर बिलग्राम के राजघाट पर पहुंच कर लोगों ने स्नान किया और पूजा अर्चना की। गंगा तट पर लोगों की अधिक भीड़ न रहे। इसके लिए वहां पर सुरक्षा कर्मी तैनात रहे। शहर के श्रवण देवी मंदिर में अषाढ़ी पूर्णिमा पर विभिन्न आयोजन होते थे और परिसर में भव्य मेला लगता था, मगर कोरोना संक्रमण के कारण इस बार भी सामूहिक आयोजन नहीं किया गया और न ही परंपरागत मेला लगा। महिलाओं ने मंदिर में पूजा अर्चना की और हवन में आहुतियां डाली। साधक सत्संग सेवा समिति की ओर से डिवाइन इन बैंक्वेट हाल में गुरु पूर्णिमा महोत्सव का कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए आयोजन किया गया। कृपाल साधक डा. राजेंद्र दत्त मिश्र ने गुरु महिमा और ईश्वर प्राप्ति के उपायों की वेद पुराण और रामायण के उदाहरण देते हुए लोगों को बताया। उन्होंने कहा कि गुरु कोई व्यक्ति नहीं वरन एक व्यक्तित्व होता है, जो गुरु अच्छा लगे उसका ध्यान करें। उनके भजनों पर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। गायत्री शक्ति पीठ अशराफ टोला में गायत्री महामंत्र अखंड जप का आयोजन किया गया, जिसमें पांच कुंडीय यज्ञ हुआ। यज्ञ में साधकों ने आहुतियां डालीं। आचार्य हरिहर वत्स सिंह ने कलश पूजन व यज्ञ कराया। शालिनी शर्मा, रमेश कुमार सिंह, निधि श्रीवास्तव, अजय शुक्ला आदि लोग मौजूद रहे। रेलवे गंज में भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। बृज मोहन, सोमनाथ, राकेश आदि मौजूद रहे। वहीं गुरु पूर्णिमा का पर्व पर लोगो ने गंगा स्नान कर अपने गुरु के चरणों को प्रणाम किया।श्री सद संस्कृत महाविद्यालय बाजीगंज में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें गुरु और शिष्यों ने भाग लिया।

chat bot
आपका साथी